नयी दिल्ली, 28 अक्टूबर राष्ट्रीय राजधानी में हवा की रफ्तार बढ़ने से बुधवार को प्रदूषण के स्तर की कमी आई लेकिन यह स्थिति कम समय के लिए ही बरकरार रह सकती है।
पूर्वाह्न दस बजे शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 281 रहा जो “खराब श्रेणी” में आता है।
इससे पहले लगातार पांच दिन तक एक्यूआई “बेहद खराब” श्रेणी में था।
चौबीस घंटे का औसत एक्यूआई मंगलवार को 312, सोमवार को 353, रविवार को 349, शनिवार को 345 और शुक्रवार को 366 था।
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उल्लेखनीय है कि 0 और 50 के बीच एक्यूआई को 'अच्छा', 51 और 100 के बीच 'संतोषजनक', 101 और 200 के बीच 'मध्यम', 201 और 300 के बीच 'खराब', 301 और 400 के बीच 'बेहद खराब' और 401 से 500 के बीच 'गंभीर' माना जाता है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग में एक वरिष्ठ वैज्ञानिक ने बताया कि मंगलवार की सुबह हवा की गति बढ़ने से प्रदूषण कारक तत्व छितरा गए।
उन्होंने कहा कि हालांकि हवा की रफ्तार फिर से कम हो गई है जिससे प्रदूषण कारक तत्व एकत्रित हो सकते हैं।
उन्होंने कहा कि बृहस्पतिवार तक वायु गुणवत्ता “बेहद खराब” श्रेणी में जा सकती है।
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु गुणवत्ता निगरानी प्रणाली ‘सफर’ के अनुसार दिल्ली की हवा में पीएम 2.5 कणों की मात्रा में पराली जलाने से उत्पन्न हुए कणों का प्रतिशत मंगलवार को बढ़कर 23 प्रतिशत हो गया जो कि इस मौसम में अब तक की सर्वाधिक मात्रा है।
यह सोमवार को 16 प्रतिशत था, रविवार को 19 प्रतिशत और शनिवार को नौ प्रतिशत था। सफर के अनुसार पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने की 1,943 घटनाएं हुई।
हवा की गति धीमी होने और कम तापमान के कारण प्रदूषण कारक तत्व एकत्रित हो जाते हैं और हवा की रफ्तार तेज होने से वह छितरा जाते हैं।
सफर के अनुसार बुधवार को एक्यूआई में थोड़ा सुधार होगा लेकिन बृहस्पतिवार को प्रदूषण के स्तर में वृद्धि हो सकती है।
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