नयी दिल्ली, 31 दिसंबर दिल्ली पुलिस ने यहां अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी मां-बेटे को वापस उनके देश भेज दिया है। उक्त महिला वर्ष 2005 से दक्षिणपश्चिम दिल्ली में रह रही थी, जबकि उसका बेटा भी बांग्लादेश से यहां आकर उसके साथ रहने लगा था। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
पुलिस ने कहा कि दोनों मां-बेटे की पहचान नजमा खान और उसके बेटे नईम खान (22) के रूप में की गई है।
पुलिस उपायुक्त (दक्षिण-पश्चिम) सुरेंद्र चौधरी ने कहा, ‘‘दोनों ने पश्चिम बंगाल सीमा के माध्यम से अवैध रूप से भारत में प्रवेश किया। नजमा लगभग 20 साल पहले आयी थी, जबकि नईम 2020 में यहां आया था।’’
उन्होंने बताया कि मां-बेटे कटवारिया सराय में रह रहे थे, जहां नजमा घरेलू सहायिका के रूप में काम करती थी।
डीसीपी ने कहा, ‘‘नियमित गश्त के दौरान 29 दिसंबर को पुलिस ने एक गुप्त सूचना के बाद शास्त्री मार्केट के पास नईम को रोका। नईम से पूछताछ के बाद अगले दिन नजमा को हिरासत में लिया गया। दोनों को विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (एफआरआरओ) को सौंप दिया गया, जहां से उन्हें बांग्लादेश भेज दिया गया।’’
पूछताछ के दौरान, नईम ने दावा किया कि वित्तीय कठिनाइयों ने दो दशक पहले उसकी मां को भारत आने के लिए मजबूर किया, जबकि वह 2020 में उसके पास आया।
अधिकारियों ने कहा कि इसी तरह के मामले में मोहम्मद अख्तर शेख नाम के एक बांग्लादेशी नागरिक को देश में अवैध रूप से रहने के आरोप में सरोजिनी नगर से गिरफ्तार किया गया है।
डीसीपी ने कहा, ‘‘28 नवंबर को मादक पदार्थ से संबंधित एक मामले में पकड़े गए शेख को जमानत पर रिहा कर दिया गया था। हालांकि, बाद में पते के सत्यापन से पता चला कि वह एक अवैध प्रवासी है। मूल रूप से बांग्लादेश का रहने वाला शेख 2004 में पश्चिम बंगाल के रास्ते भारत में दाखिल हुआ था।’’
उन्होंने कहा कि शेख ने 2012 में एक भारतीय नागरिक से शादी की थी और दिल्ली में एक निर्माण स्थल पर काम करता था।
अधिकारी ने बताया कि 30 दिसंबर को वह सरोजिनी नगर रेलवे स्टेशन के पास बिना किसी वैध दस्तावेज के पाया गया, जिसके बाद उसके खिलाफ विदेशी अधिनियम के तहत एक नया मामला दर्ज किया गया।
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