देश की खबरें | दिल्ली की अदालत ने 2021 के एक बलात्कार मामले में आरोपी को बरी किया
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. दिल्ली की एक अदालत ने एक व्यक्ति को भाभी से बलात्कार करने के आरोप से यह कहते हुए बरी कर दिया कि उसकी (पीड़िता की) गवाही भरोसा करने योग्य नहीं है।
नयी दिल्ली, 14 जनवरी दिल्ली की एक अदालत ने एक व्यक्ति को भाभी से बलात्कार करने के आरोप से यह कहते हुए बरी कर दिया कि उसकी (पीड़िता की) गवाही भरोसा करने योग्य नहीं है।
इसके अलावा अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अनुज अग्रवाल की अदालत ने महिला के बयान में विसंगतियों का हवाला देते हुए उसके पति को क्रूरता के आरोपों से भी बरी कर दिया।
अदालत महिला के पति और उसके भाई के खिलाफ इस मामले की सुनवाई कर रही थी। पति पर क्रूरता का और उसके भाई पर बलात्कार का आरोप था।
महिला के मुताबिक नवंबर 2020 में शादी के बाद पति और उसके रिश्तेदारों ने दहेज के लिए उसे परेशान किया और उसके साथ मारपीट की। महिला ने कहा कि 28 सितंबर 2021 को उसे नशीला पदार्थ देकर एक कमरे में बंद कर दिया गया, जहां उसके देवर ने उसके साथ दुष्कर्म किया।
चार जनवरी को अदालत ने अपने फैसले में कहा कि अभियोजन पक्ष का मामला एक मात्र महिला की गवाही पर आधारित है।
अदालत ने कहा, ‘‘ हालांकि इस बात पर कोई संदेह नहीं है कि पीड़िता की प्रत्यक्ष गवाही के आधार पर दोषसिद्धि की जा सकती है, लेकिन यह भी स्थापित सिद्धांत है कि उसकी गवाही ठोस, विश्वसनीय और भरोसेमंद होनी चाहिए।’’
अदालत ने कहा कि पीड़िता की गवाही भरोसा करने योग्य नहीं है।
अदालत ने कहा कि यह साबित करने के लिए कोई मेडिकल या फोरेंसिक साक्ष्य नहीं है कि उसे नशीला पदार्थ दिया गया था। अदालत ने कहा कि जब कथित बलात्कार के बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था, तो उसकी महत्वपूर्ण जैविक (जैव रासायनिक) मापदंड सामान्य पाये गये थे।
अदालत ने कहा कि मौजूदा वैवाहिक विवाद की पृष्ठभूमि में इस बात की संभावना है कि पक्षकार बेहतर सौदेबाजी के लिए अपनी बात को बढ़ा-चढ़ाकर कह रहे हों।
आदेश में कहा गया है कि बचाव पक्ष का यह कहना कि मौजूदा विवाद के चलते उसे फंसाने के लिए ऐसा किया गया, संभव लगता है।
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