देश की खबरें | रक्षा मंत्री ने लखनऊ में निजी क्षेत्र की पहली रक्षा विनिर्माण सुविधा का उद्घाटन किया
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लखनऊ, 13 नवंबर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को यहां उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (यूपीडीआईसी) में पहली संचालित निजी क्षेत्र की रक्षा विनिर्माण सुविधा का उद्घाटन किया और इसे मजबूत सार्वजनिक-निजी भागीदारी का एक शानदार उदाहरण करार दिया।
यहां जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि रक्षा विनिर्माण सुविधा विमान के इंजन, हेलीकॉप्टर इंजन, विमानों के लिए संरचनात्मक भागों, ड्रोन और यूएवी, पनडुब्बियों, अल्ट्रा-लाइट आर्टिलरी गन, स्पेस लॉन्च व्हीकल और स्ट्रैटेजी सिस्टम आदि का निर्माण करेगी। रक्षा मंत्री ने एक एकीकृत धातु निर्माण सुविधा की आधारशिला भी रखी जो एयरोस्पेस अनुप्रयोगों के लिए टाइटेनियम और अन्य विदेशी मिश्र धातुओं में प्रमुख कच्चे माल का उत्पादन करेगी।
उन्होंने पीटीसी इंडस्ट्रीज लिमिटेड की सराहना करते हुए कहा कि (पता चलता है कि) कैसे आज के प्रतिस्पर्धी माहौल में एक कंपनी प्रौद्योगिकी को अपनाकर सफल हो सकती है। उन्होंने कहा कि दोनों इकाइयां रक्षा क्षेत्र की आत्मनिर्भरता की राह में मील का पत्थर साबित होंगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व की सराहना करते हुए सिंह ने कहा कि यह प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण का परिणाम है। बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर, मदन मोहन मालवीय, सुभाष चंद्र बोस, वीर सावरकर जैसे राष्ट्र के महान दिग्गजों द्वारा उद्योगों से जुड़े महत्व को याद करते हुए उन्होंने कहा कि इकाई का उद्घाटन मजबूत सार्वजनिक-निजी भागीदारी का एक शानदार उदाहरण है।
रक्षा अनुप्रयोगों के लिए हाल ही में रक्षा मंत्रालय से पीटीसी को महत्वपूर्ण ऑनलाइन फिटिंग (ओएलएफ) का प्रमाणपत्र मिलने पर सिंह ने कहा यह 'मेक इन इंडिया' में एक बड़ा कदम साबित होगी। उन्होंने कहा कि सरकार पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के दृष्टिकोण को आगे बढ़ा रही है, जो विकास के लिए निरंतर और बढ़ी हुई निजी क्षेत्र की भागीदारी में विश्वास करते थे। उन्होंने स्वदेशी पर जोर देने के लिए महात्मा गांधी समेत कई महापुरुषों को याद किया।
उन्होंने कहा कि भारतीय रक्षा उद्योग में गुणवत्ता के साथ प्रभावी उपकरण विकसित करने की क्षमता है जो न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करेगा, बल्कि दुनिया को सैन्य हार्डवेयर का निर्यात करेगा। पीटीसी इंडस्ट्रीज लिमिटेड जैसी कंपनियां इसमें अहम भूमिका निभा सकती हैं।
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