अमेरिका और अफ्रीका को छोड़ सभी स्थानों पर कोविड-19 के मामलों में कमी आ रही है: डब्ल्यूएचओ
डब्ल्यूएचओ (Photo Credits: Twitter)

विश्व स्वास्थ्य निकाय ने मंगलवार देर रात महामारी को लेकर जारी साप्ताहिक रिपोर्ट में कहा कि करीब 35 लाख नए मामले और 25 हजार से अधिक मौतें पूरी दुनिया में दर्ज की गई जो क्रमश: 12 प्रतिशत और 25 प्रतिशत कम है. संयुक्त राष्ट्र के निकाय ने कहा कि संक्रमण के मामलों में मार्च महीने से कमी आनी शुरू हुई. हालांकि , कई देशों ने बड़े पैमाने पर जांच और निगरानी कार्यक्रम को बंद कर दिया जिससे मामलों की सटीक जानकारी प्राप्त करना बहुत मुश्किल है. डब्ल्यूएचओ ने कहा कि केवल दो क्षेत्र हैं जहां पर कोविड-19 के मामले बढ़े हैं. संगठन ने कहा कि अमेरिका में संक्रमण के मामलों में 14 प्रतिशत और अफ्रीका में 12 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. रिपोर्ट में कहा गया कि पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में संक्रमण की दर स्थिर है जबकि बाकी सभी स्थानों पर संक्रमण में गिरावट आई है.

डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अदनोम घेब्रेयियस ने इस सप्ताह संवाददाता सम्मेलन के दौरान चेतावनी देते हुए कहा था, ‘‘50 से अधिक देशों में संक्रमण के मामलों में वृद्धि कोरोना वायरस की अस्थिरता को रेखांकित करती है.’’ टेड्रोस ने कहा कि कोविड-19 के प्रकार जिनमें अत्यधिक संक्रामक ओमीक्रोन स्वरूप शामिल है, की वजह से कई देशों में फिर से मामले बढ़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि इनमें दक्षिण अफ्रीका शामिल है जहां पर सबसे पहले पिछले साल नवंबर में ओमीक्रोन की पहचान की गई थी.

उन्होंने कहा कि जहां पर आबादी के अधिकतर हिस्से में प्रतिरोधक क्षमता पैदा हो गई है वहां मरीजों के अस्पताल में भर्ती होने या मौत की दर कम है. टेड्रोस ने इसके साथ ही आगाह किया कि ‘‘उन स्थानों के लिए यह गांरटी नहीं है जहां पर टीकाकरण की दर कम है.’’ यह भी पढ़ें : चंडीगढ़ की कंपनी से पैसे ऐंठने के लिए फर्जी छापेमारी करने वाले चार सीबीआई अधिकारी गिरफ्तार, बर्खास्त

उन्होंने कहा कि गरीब देशों की महज 16 प्रतिशत आबादी को ही कोविड-19 रोधी टीके की खुराक लगी है. गौरतलब है कि बृहस्पतिवार को उत्तरी कोरिया ने पहली बार कोरोना वायरस महामारी की घोषणा की और राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन लागू किया. हालांकि, महामारी के स्तर की तत्काल जानकारी नहीं मिली है. माना जा रहा है कि उत्तर कोरिया में महामारी के घातक असर हो सकते हैं क्योंकि वहां पर कमजोर स्वास्थ्य सेवा है. साथ ही देश की 2.6 करोड़ की आबादी में अधिकतर को कोविड-19 रोधी टीके की खुराक नहीं लगी है.