देश की खबरें | ईडी अनुसूचित अपराध पर बगैर प्राथमिकी के संपत्ति कुर्क कर सकता है या नहीं, न्यायालय समीक्षा करेगा

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. उच्चतम न्यायालय सोमवार को इस महत्वपूर्ण सवाल पर विचार करने के लिए सहमत हो गया कि क्या प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के पास धन शोधन रोधी कानून के तहत अनुसूचित अपराधों के लिए पूर्व प्राथमिकी के बिना संपत्तियों को कुर्क करने की शक्तियां हैं।

नयी दिल्ली, दो दिसंबर उच्चतम न्यायालय सोमवार को इस महत्वपूर्ण सवाल पर विचार करने के लिए सहमत हो गया कि क्या प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के पास धन शोधन रोधी कानून के तहत अनुसूचित अपराधों के लिए पूर्व प्राथमिकी के बिना संपत्तियों को कुर्क करने की शक्तियां हैं।

प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने मद्रास उच्च न्यायालय के उस फैसले के खिलाफ ईडी द्वारा दायर याचिका पर के गोविंदराज और अन्य को नोटिस जारी किया है जिसमें एजेंसी को अवैध रेत खनन में कथित रूप से शामिल ठेकेदारों के खिलाफ कार्रवाई करने से रोक दिया गया था।

ईडी का प्रतिनिधित्व कर रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू की दलीलों पर ध्यान देते हुए, पीठ ने नोटिस जारी किया और कहा कि धन शोधन निवारण अधिनियम की धारा पांच के दो प्रावधानों की सामंजस्यपूर्ण व्याख्या करने की आवश्यकता है।

कानून की धारा पांच ईडी को धन शोधन मामलों में शामिल संपत्तियों को कुर्क करने का अधिकार देती है।

धारा पांच का पहला प्रावधान कुर्की के लिए प्राथमिकी अनिवार्य करता है, जबकि दूसरा धन शोधन की जांच के दौरान ईडी को बिना प्राथमिकी के कुर्की की अनुमति देता है।

पीठ दो प्रावधानों में सामंजस्य बिठा सकती है और यह तय कर सकती है कि क्या दूसरे प्रावधान को पहले प्रावधान से स्वतंत्र रूप से लागू किया जा सकता है और क्या इसके परिणामस्वरूप धन शोधन मामलों में आरोपियों के अधिकारों के अलावा ईडी की जांच शक्तियों पर प्रभाव पड़ेगा।

ईडी की याचिका पर 17 फरवरी, 2025 से शुरू होने वाले सप्ताह में सुनवाई होगी।

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