देश की खबरें | न्यायालय ने केन्द्र से कहा: नौ विदेशी नागरिकों के खिलाफ मुकदमों की तेजी से सुनवाई की संभावना पर विचार करे

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एनडीआरएफ/प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: ANI)

नयी दिल्ली, 27 जुलाई उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को केन्द्र से कहा कि तबलीगी जमात की गतिविधियों में कथित रूप से संलिप्त नौ विदेशियों के मुकदमों की तेजी से सुनवाई की संभावना पर विचार किया जाये। इन विदेशी नागरिकों ने वीजा नियमों के उल्लंघन के आरोपों में अपना जुर्म कबूल नहीं किया है।

न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर, न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने वीडियो कांफ्रेन्स के माध्यम से इस मामले की सुनवाई के दौरान केन्द्र को इन विदेशियों के मुकदमों की तेजी से सुनवाई की संभावना पर विचार करने का सुझाव दिया। पीठ इस मामले में अब 31 जुलाई को आगे विचार करेगी।

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यह पीठ 34 विदेशी नागरिकों की याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिन्होंने वीजा नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में 2700 से अधिक विदेशियों को दस साल के लिये काली सूची में रखने के केन्द्र के आदेश को चुनौती दे रखी है। इन पर तबलीगी जमात की गतिविधियों में संलिप्त होने के आरोप हैं।

सालिसीटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ से कहा कि इन 34 याचिकाकर्ताओं में से 23 के खिलाफ मुकदमे खत्म हो गये हैं क्योंकि उन्होने अपना जुर्म कबूल कर लिया था जबकि दो ने गलतफहमी में याचिकायें दायर की हैं।

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मेहता ने कहा कि इनमें से नौ विदेशी नागरिकों पर मुकदमा चलना है क्योंकि उन्होंने आरोपों का सामना करने का निर्णय लिया है।

पीठ ने मेहता से जानना चाहा कि इन मुकदमों की सुनवाई कब तक पूरी होने की उम्मीद है और क्या इसमें तेजी लायी जा सकती है।

मेहता ने कहा, ‘‘नौ लोगों का कहना है कि वे मुकदमे का सामना करेंगे। आरोप पत्र दाखिल हो चुके हैं। हम निचली अदालत के न्यायाधीश से सुनवाई तेज करने का अनुरोध कर सकते हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैं कल तक निर्देश प्राप्त कर सकता हूं। मैं जांच अधिकारी से कहूंगा कि वह निचली अदालत में दैनिक आधार पर सुनवाई के लिये आवेदन दाखिल करें।

कुछ याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सी यू सिंह ने कहा कि इनमें से 23 ने अपना अपराध स्वीकार किया था और इसके बाद उन्हें रिहा कर दिया गया। उन्होंने कहा कि इनके पासपोर्ट देने का आदेश दिया जाये।

उन्होंने कहा कि अपराध स्वीकार करके सजा कम कराने के अलग नतीजे होते हैं क्योंकि उनके देशों में दोषसिद्धी को गंभीरता से लिया जाता है।

पीठ ने मेहता से कहा कि वह इन नौ विदेशियों के मामले में आवश्यक निर्देश प्राप्त कर लें। इस बीच पीठ ने मामले की सुनवाई 31 जुलाई के लिये स्थगित कर दी।

अनूप

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