देश की खबरें | फडणवीस का संपादित वीडियो साझा करने वाले व्यक्ति की गिरफ्तारी को अदालत ने ‘अवैध’ करार दिया
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. मुंबई की एक अदालत ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का शरारतपूर्ण तरीके से संपादित वीडियो कथित रूप से साझा करने को लेकर एक व्यक्ति की गिरफ्तारी को शुक्रवार को अवैध करार दिया।
मुंबई, तीन जनवरी मुंबई की एक अदालत ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का शरारतपूर्ण तरीके से संपादित वीडियो कथित रूप से साझा करने को लेकर एक व्यक्ति की गिरफ्तारी को शुक्रवार को अवैध करार दिया।
अदालत ने इस आधार पर इस कार्रवाई को अवैध करार दिया कि पुलिस उस व्यक्ति को गिरफ्तारी का आधार बताने में नाकाम रही थी।
साइबर पुलिस ने बृहस्पतिवार को वरद तुकाराम कणकी को गिरफ्तार किया था। हालांकि, यहां की मजिस्ट्रेट अदालत ने पाया कि पुलिस ने प्रक्रिया का पालन नहीं किया और जांच अधिकारी (आईओ) को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए उसे तुरंत रिहा करने का आदेश दिया।
फडणवीस ने हाल में राज्य विधानसभा में कहा था कि नक्सली भारतीय संविधान और लोकतंत्र में विश्वास नहीं रखते। एक सोशल मीडिया उपयोगकर्ता ने भाषण के शुरुआती हिस्से को संपादित कर दिया और संपादित वीडियो में फडणवीस को यह कहते दिखाया कि ‘‘हम संविधान में विश्वास नहीं रखते।’’ यह वीडियो वायरल हो गया।
शुक्रवार को कणकी को मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया। पुलिस ने उसे रिमांड में देने का अनुरोध करते हुए कहा कि गहन जांच की जरूरत है क्योंकि ‘‘दुर्भावनापूर्ण इरादे’’ से पोस्ट किए गए वीडियो से दंगे भड़क सकते हैं।
आरोपी की ओर से पेश वकील ऐश्वर्या शर्मा ने दलील दी कि कणकी ने वीडियो नहीं बनाया, बल्कि कथित तौर पर इसे अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर महज साझा भर किया था। बाद में इसे हटा दिया।
उन्होंने दलील दी कि गिरफ्तारी करते समय जांच एजेंसी ने कानूनी प्रक्रिया का पालन नहीं किया।
अदालत ने रिकॉर्ड का अवलोकन करने के बाद पाया कि आरोपी और उसके परिवार को गिरफ्तारी के आधार नहीं बताए गए और उच्चतम न्यायालय द्वारा निर्धारित दिशानिर्देशों का पालन नहीं किया गया।
कणकी की गिरफ्तारी को अवैध मानते हुए अदालत ने उसे रिहा करने का आदेश दिया।
बचाव पक्ष के वकील ने बताया कि अदालत ने अवैध गिरफ्तारी के लिए जांच अधिकारी को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है।
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