देश की खबरें | न्यायालय ने कोविड मरीजों से अधिक पैसा वसूले जाने की शिकायतों के निबटारे पर राज्यों से जवाब मांगा

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नयी दिल्ली, आठ नवंबर उच्चतम न्यायालय ने कोविड-19 के मरीजों और उनके परिवारों से मेडिकल बिलों तथा खर्चों के रूप में अधिक पैसा वसूले जाने का ऑडिट और इसकी जांच के लिए एक समिति गठित किए जाने की मांग वाली याचिका पर सभी राज्यों से सोमवार को जवाब मांगा।

न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना की पीठ ने सभी राज्यों को नोटिस जारी किये और याचिकाकर्ता अभिनव थापर से कहा कि वह अपनी याचिका में संशोधन करें और इसमें सभी राज्यों को पक्षकार बनाएं।

केंद्र की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के एम नटराज ने कहा कि स्वास्थ्य राज्य का विषय है, अत: याचिकाकर्ता राज्यों को इस याचिका में पक्षकार बनाता है तो यह उचित होगा।

थापर की ओर से पेश अधिवक्ता कृष्ण वल्लभ ठाकुर ने कहा कि वह याचिका में इसे जोडेंगे।

इससे पहले, आठ अक्टूबर को शीर्ष अदालत ने कहा था कि वह कोरोना वायरस की दूसरी लहर के दौरान अस्पतालों और चिकित्सकों द्वारा ज्यादा पैसा वसूले जाने से जुड़ी शिकायतों के समाधान के लिए एक तंत्र विकसित करेगा। न्यायालय ने इस बारे में केंद्र से जवाब मांगा था।

थापर ने कहा था कि महामारी के प्रकोप के दौरान मरीजों को बहुत परेशानियां उठानी पड़ीं क्योंकि अस्पतालों और चिकित्सकों ने उनसे अधिक पैसा वसूला। अपनी याचिका में उन्होंने कहा कि कोविड-19 से पीड़ित लोगों और उनके परिवारों से मेडिकल बिलों और खर्चे के रूप में अधिक पैसा वसूले जाने का ऑडिट करने और इनकी जांच करने के लिए राज्य और जिला स्तर पर समिति गठित करने का केंद्र को निर्देश दिया जाए।

इसमें केंद्र और राज्यों को निर्देश देने को कहा गया कि वे अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाले अस्पतालों और चिकित्सकों से कहें कि मरीजों से वसूला गया अधिक पैसा उन्हें लौटाया जाए। यदि मरीज की मौत हो चुकी है तो पैसा उनके परिवार को लौटाया जाए।

याचिका में बताया गया कि उत्तराखंड, चंडीगढ़, पंजाब और दिल्ली सरकार को भी मरीजों से अधिक धन वसूले जाने की शिकायतें मिली हैं।

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