लॉकडाउन के दौरान घरेलू हिंसा के मुद्दे पर अदालत ने केंद्र, दिल्ली सरकार से जवाब मांगा

न्यायमूर्ति जे आर मिढा और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय तथा दिल्ली सरकार और महिला आयोगों को नोटिस जारी कर उनसे जवाब मांगा।

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नयी दिल्ली, 18 अप्रैल दिल्ली उच्च न्यायालय ने उस याचिका पर शनिवार को केंद्र और दिल्ली सरकार से जवाब मांगा जिसमें कोविड-19 के चलते लागू लॉकडाउन के दौरान महिलाओं के खिलाफ घरेलू हिंसा और बाल उत्पीड़न को रोकने के लिए कदम उठाने का आग्रह किया गया है।

न्यायमूर्ति जे आर मिढा और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय तथा दिल्ली सरकार और महिला आयोगों को नोटिस जारी कर उनसे जवाब मांगा।

दोनों पक्षों की ओर से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश हुए वकीलों ने कहा कि केंद्र, दिल्ली सरकार और महिला आयोगों को अदालत ने नोटिस जारी किया है।

हालांकि, विस्तृत आदेश अभी उच्च न्यायालय की वेबसाइट पर अपलोड होना बाकी है।

एनजीओ ऑल इंडिया काउंसिल ऑफ ह्यूमन राइट्स, लिबर्टीज एंड सोशल जस्टिस ने कहा कि लॉकडाउन लागू होने के बाद देश में घरेलू हिंसा की घटनाएं बढ़ी हैं और अदालत को तत्काल हस्तक्षेप करना चाहिए।

पीठ ने अपने आदेश में यह भी कहा कि एनजीओ द्वारा उठाए गए मुद्दे की जांच के लिए एक उच्चस्तरीय समिति गठित की जानी चाहिए और सुनवाई की अगली तारीख 24 अप्रैल को रिपोर्ट सौंपी जानी चाहिए।

एनजीओ ने अपनी याचिका में कहा है कि घरेलू हिंसा और बाल उत्पीड़न की घटनाएं न सिर्फ भारत में, बल्कि ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और अमेरिका जैसे देशों में भी बढ़ी हैं और रिपोर्ट से पता चलता है कि कोविड-19 के चलते लागू लॉकडाउन के बाद से घरेलू हिंसा की घटनाओं में काफी वृद्धि हुई है।

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