केजरीवाल को कोविड-19 मामलों का वर्गीकरण करने से रोकने की मांग वाली याचिका पर विचार से अदालत का इनकार

न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह याचिका पर विचार करने की इच्छुक नहीं थीं, इसलिए याचिकाकर्ता ने इसे उच्चतम न्यायालय में दाखिल करने की स्वतंत्रता के साथ वापस ले लिया।

जमात

नयी दिल्ली, 20 अप्रैल दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनके प्रशासन को कोविड-19 के कुछ मामलों को ‘तबलीगी जमात’ या ‘मस्जिद मरकज’ के रूप में वर्गीकृत करने से रोकने की मांग वाली याचिका पर विचार करने से इनकार करते हुए कहा कि ऐसा ही विषय उच्चतम न्यायालय के समक्ष लंबित है।

न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह याचिका पर विचार करने की इच्छुक नहीं थीं, इसलिए याचिकाकर्ता ने इसे उच्चतम न्यायालय में दाखिल करने की स्वतंत्रता के साथ वापस ले लिया।

अदालत ने कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय में पहले ही इस तरह के मामले हैं, इस पर विचार करते हुए अदालत मौजूदा याचिका पर विचार नहीं करना चाहती।’’

अदालत ने कहा, ‘‘तदनुसार मौजूदा याचिका को खारिज किया जाता है।’’

याचिकाकर्ता वकील एम एम कश्यप ने अपनी याचिका में कहा था कि तबलीगी जमात के कार्यक्रम के बाद केजरीवाल ने अपने ट्वीटों के माध्यम से जानबूझकर अनेक मामलों को ‘मस्जिद मरकज’ की अलग श्रेणी के तहत वर्गीकृत किया।

उन्होंने आरोप लगाया कि यह धार्मिक पहचान देने के समान है।

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