नयी दिल्ली, 6 मई : उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने मुंबई में कोविड-19 के मरीजों को ऑक्सीजन आपूर्ति सुनिश्चित करने के महाराष्ट्र के प्रयास की बुधवार को तारीफ की और केन्द्र तथा दिल्ली सरकारों से कहा कि वे बीएमसी से इस संबंध में बात करके आपूर्ति प्रबंधन सीखें. शीर्ष अदालत ने दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा केन्द्र सरकार के अधिकारियों के खिलाफ शुरू की गई अवमानना की कार्रवाई के नोटिस पर रोक लगाने की अपील पर सुनवाई और फिर अपने आदेश में इस बारे में टिप्पणियां कीं. गौरतलब है कि अदालत ने केन्द्र सरकार को दिल्ली में कोविड मरीजों के लिए 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन आपूर्ति का आदेश दिया था और इसका पालन नहीं होने पर अवमानना की कार्रवाई शुरू करने के लिये कारण बताओ नोटिस जारी किया था.
न्यायमूर्ति धनंजय वाई चन्द्रचूड़ और न्यायमूर्ति एम. आर. शाह की पीठ ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की इस दलील पर संज्ञान लिया कि मुंबई में उपचाराधीन मरीजों की संख्या 92,000 के पार होने के बावजूद शहर महज 275 मीट्रिक टन ऑक्सीजन के साथ काम कर रहा है. मेहता ने कहा, ‘‘मैं मुंबई मॉडल की तारीफ करता हूं. यह कोई राजनीतिक मॉडल नहीं है. केन्द्र या राज्य का खातिर नहीं, अदालत का अधिकारी होने के नाते हमें समाधान खोजने की जरुरत है. लोग यहां-वहां नहीं भटक सकते. यह दिल्ली के प्रयासों को कमतर करने की कोशिश नहीं है.’’ पीठ ने कहा, ‘‘रोजाना तमाम सूचनाएं आ रही हैं. यह भी पढ़ें : Bihar: कोरोना को हराने के लिए इस भाई-बहन ने लॉन्च की वेबसाइट, COVID पेशंट डॉक्टर्स से ले रहे हैं मुफ्त सलाह
बृहन्नमुंबई महानगर पालिका बहुत अच्छा काम कर रही है, हम दिल्ली का भी अपमान नहीं कर रहे. वह क्या कर रहे हैं, कैसे काम चला रहे हैं. हम उनसे सीख सकते हैं. मैं यह भी समझता हूं कि महाराष्ट्र ऑक्सीजन का उत्पादन करता है, जो दिल्ली नहीं कर सकता.’’ पीठ ने दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव और प्रधान स्वास्थ्य सचिव, केन्द्र सरकार के अधिकारियों से कहा कि वे ऑक्सीजन आपूर्ति के मॉडल को लेकर बीएमसी के आयुक्त से बात करें. पीठ ने कहा, ‘‘अगर इतनी ज्यादा आबादी वाले शहर मुंबई में ऐसा किया जा सकता है, तो ऐसा दिल्ली में भी किया जा सकता है.’’