तिरुवनंतपुरम, 14 सितम्बर एक स्थानीय अदालत ने 2015 के केरल विधानसभा हंगामा मामले में बुधवार को सामान्य शिक्षा मंत्री वी. शिवनकुट्टी और वाम लोकतांत्रिक मोर्चे (एलडीएफ) के कुछ अन्य नेताओं के खिलाफ बुधवार को आरोप तय कर दिये।
इस मामले से सम्बद्ध एक वकील ने बताया कि मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) की अदालत ने यहां शिवनकुट्टी, वाम नेता के. टी. जमील और पूर्व विधायक के. अजित, सी. के. सदाशिवन और के. कुन्हाम्मेड के खिलाफ आरोप पढ़कर सुनाए।
वकील मृदुल मैथ्यू ने बताया कि इन नेताओं ने अपने खिलाफ तय आरोपों से इनकार किया है।
मैथ्यू के अनुसार, अदालत ने मामले के एक अन्य आरोपी ई.पी. जयराजन के खिलाफ तय आरोप पढ़कर सुनाने के लिए 26 सितम्बर की तारीख मुकर्रर की है, क्योंकि जयराजन आज अदालत में मौजूद नहीं थे।
सभी छह आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 447 (आपराधिक घुसपैठ), धारा 34 के साथ पठित 427 (नुकसान पहुंचाने वाले कृत्य) तथा सार्वजनिक सम्पत्ति क्षति निवारण (पीडीपीपी) कानून की धारा- तीन(एक) के तहत आरोप लगाये हैं।
वकील ने कहा कि एकबारगी एलडीएफ के संयोजक जयराजन के खिलाफ आरोप पढ़कर सुना दिया जाता है तो मामले के गवाहों को तलब करने का काम शुरू हो जाएगा।
केरल उच्च न्यायालय ने इस माह के प्रारम्भ में मामले की सुनवाई पर रोक लगाने से इनकार करते हुए सभी आरोपियों को 14 सितम्बर को निचली अदालत के समक्ष पेश होने का आदेश दिया था। उसी की पृष्ठभूमि में जयराजन को छोड़कर अन्य पांच आरोपी सीजेएम के समक्ष पेश हुए थे।
विधानसभा में 13 मार्च 2015 को उस वक्त अभूतपूर्व दृश्य देखने को मिला था, जब विपक्ष में बैठे एलडीएफ सदस्यों ने तत्कालीन वित्तमंत्री के. एम. मणि को राज्य सरकार का बजट पेश करने से रोकने का प्रयास किया था। इस दौरान उन्होंने अध्यक्ष के आसन के समक्ष रखे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों, यथा- कम्प्यूटर, कीबोर्ड और माइक को क्षतिग्रस्त कर दिया था। इससे 2.20 लाख रुपये के राजस्व की क्षति हुई थी।
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