देश की खबरें | अदालत का समय बर्बाद करने के लिए न्यायालय ने उत्तरप्रदेश सरकार पर 15 हजार रुपये जुर्माना लगाया

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. उच्चतम न्यायालय ने एक मामले में ‘‘अदालत का समय बर्बाद’’ करने के लिए उत्तरप्रदेश की सरकार पर 15 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है जिसमें राज्य ने 500 दिनों के विलंब के बाद शीर्ष अदालत में एक अपील दायर की थी।

एनडीआरएफ/प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: ANI)

नयी दिल्ली, 13 दिसंबर उच्चतम न्यायालय ने एक मामले में ‘‘अदालत का समय बर्बाद’’ करने के लिए उत्तरप्रदेश की सरकार पर 15 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है जिसमें राज्य ने 500 दिनों के विलंब के बाद शीर्ष अदालत में एक अपील दायर की थी।

अपील दायर करने में विलंब पर गौर करते हुए न्यायमूर्ति एस. के. कौल की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि फाइल किस तरह से आगे बढ़ती है उसकी तारीख तय करने में भी ‘‘शिष्टाचार’’नहीं दिखाया गया।

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पीठ में न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी और न्यायमूर्ति हृषिकेश राय भी शामिल थे। इसने एक दिसंबर को जारी आदेश में कहा, ‘‘विशेष अनुमति याचिका में 576 दिनों का विलंब हुआ है (वरिष्ठ वकील के मुताबिक 535 दिन)। फाइल किस तरह से आगे बढ़ती है उसकी तारीख तय करने में भी शिष्टाचार नहीं दिखाया गया, संभवत: इसलिए हम निर्देश दे रहे हैं कि विलंब के लिए जिम्मेदारी तय की जाए और ऐसे लोगों से जुर्माना वसूला जाए।’’

पीठ ने कहा, ‘‘हम विलंब के आधार पर विशेष अनुमति याचिका खारिज करते हैं लेकिन अदालत का समय बर्बाद करने के लिए याचिकाकर्ता को 15 हजार रुपये उच्चतम न्यायालय एडवोकेट्स ऑन रिकॉर्ड कल्याण कोष में जमा कराने के लिए कहते हैं।’’

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इसने कहा कि शीर्ष अदालत में अपील दायर करने में विलंब के जिम्मेदार अधिकारी से जुर्माना वसूला जाए।

उच्चतम न्यायालय अक्टूबर 2018 में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के खंडपीठ के आदेश के खिलाफ राज्य सरकार की तरफ से दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा था।

उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने जनवरी 2018 में एकल पीठ के फैसले के खिलाफ राज्य सरकार की अपील को खारिज कर दिया था। एकल पीठ ने एक व्यक्ति की सेवा नियमित करने का संबंधित विभाग को आदेश दिया था।

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