देश की खबरें | अदालत ने हत्या मामले में नौ व्यक्तियों की मृत्युदंड की सजा को आजीवन कारावास में बदला
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. उड़ीसा उच्च न्यायालय ने बुधवार को 2016 के तिहरे हत्याकांड के एक मामले में नौ लोगों की फांसी की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया।
कटक, 15 जनवरी उड़ीसा उच्च न्यायालय ने बुधवार को 2016 के तिहरे हत्याकांड के एक मामले में नौ लोगों की फांसी की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया।
रायगड़ा जिले की एक अदालत ने एक परिवार के तीन सदस्यों की जादू-टोना के संदेह में हत्या करने के लिए 2021 में इन लोगों को फांसी की सजा सुनायी थी।
पीड़ित और हत्यारे दोनों रायगड़ा जिले के पुट्टासिंग पुलिस थाना क्षेत्र अंतर्गत कितुम गांव के निवासी थे।
न्यायमूर्ति एस के साहू और न्यायमूर्ति आर के पटनायक की खंडपीठ का विचार था कि इस मामले में मृत्युदंड अनुचित है और आजीवन कारावास उचित होगा।
पीठ ने अपने आदेश में कहा, ‘‘हम मृत्युदंड को आजीवन कारावास में बदलते हैं। उन्हें तीनों हत्याओं के लिए आजीवन कारावास की सजा सुनायी जाती है और सजाएं एक साथ चलेंगी।’’
अदालत ने कहा कि उन्हें बिना किसी और छूट या सजा में बदलाव के अपने शेष जीवन के लिए जेल में रहना होगा।
जिन व्यक्तियों की हत्या की गई थी उनकी पहचान असिना साबर, उनकी पत्नी अंबाई और उनकी बड़ी बेटी असीमानी के रूप में की गई थी। परिवार की छोटी बेटी मेलिता और दो छोटे भाई भागने में सफल रहे थे।
उच्च न्यायालय ने ओडिशा सरकार को ओडिशा पीड़ित मुआवजा (संशोधन) योजना-2018 के तहत चार सप्ताह के भीतर मेलिता और उसके दो भाइयों को समान अनुपात में 30 लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्देश भी दिया।
घटना के समय मेलिता केवल 10 वर्ष की थी।
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