देश की खबरें | अदालत ने दिल्ली सरकार से कहा, मोहल्ला क्लीनिक के डॉक्टर को कोविड मुआवजे के भुगतान में देरी की वजह बताएं
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को शहर की सरकार से 2020 में कोरोना वायरस संक्रमण से जान गंवाने वाले मोहल्ला क्लीनिक के एक डॉक्टर को मुआवजे के भुगतान में देरी की वजह बताने को कहा।
नयी दिल्ली, 21 अप्रैल दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को शहर की सरकार से 2020 में कोरोना वायरस संक्रमण से जान गंवाने वाले मोहल्ला क्लीनिक के एक डॉक्टर को मुआवजे के भुगतान में देरी की वजह बताने को कहा।
न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह ने कहा कि मौजूदा मामले में इस तथ्य को लेकर कोई विवाद नहीं है कि मृतक एक डॉक्टर था और इसलिए वह सरकारी योजना के तहत मुआवजा पाने के लिए पात्र था, ऐसे में उसके परिवार को मुआवजा राशि के भुगतान में “इतनी देरी की कोई वजह नहीं होनी चाहिए।”
उच्च न्यायालय मृतक डॉक्टर की बेटी और बेटे की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई कर रहा था। याचिकाकर्ताओं ने दावा किया है कि बार-बार आग्रह किए जाने के बावजूद, उन्हें दिल्ली सरकार द्वारा मृत कोरोना योद्धाओं के लिए घोषित एक करोड़ रुपये के मुआवजे के अलावा केंद्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज के अंतर्गत ऐसे मामलों में प्रदान की जाने वाली अनुग्रह राशि नहीं दी गई है।
न्यायमूर्ति सिंह ने कहा, “यह कोई संदेहास्पद मामला नहीं है।” उन्होंने दिल्ली सरकार को दोनों योजनाओं के संबंध में ‘विशिष्ट हलफनामा’ दाखिल करने का निर्देश दिया।
याचिकाकर्ताओं के वकील गौरव जैन ने कहा कि मृतक एक मोहल्ला क्लीनिक में चिकित्सक के रूप में कार्यरत था और 15 जून 2020 को कोरोना वायरस संक्रमण के चलते उसकी मौत हो गई थी।
जैन ने कहा कि डॉक्टर की मौत को दो साल, दस महीने बीत चुके हैं, लेकिन प्राधिकारियों ने मुआवजा राशि नहीं जारी की है।
उच्च न्यायालय को बताया गया कि दिल्ली सरकार ने वर्ष 2020 में कोविड-19 ड्यूटी के दौरान जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को एक करोड़ रुपये का मुआवजा देने का फैसला किया था। इसके अलावा, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज के तहत भी मृत कोरोना योद्धाओं के लिए अनुग्रह राशि की घोषणा की गई थी, जिसका भुगतान शहर के प्राधिकारियों के माध्यम से किया जाना था।
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