Council Elections 2023: विपक्षी एमवीए ने दो सीट जीती, भाजपा ने एक और निर्दलीय तांबे नासिक में विजयी रहे
महाराष्ट्र विधान परिषद के चुनाव में बृहस्पतिवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)- बालासाहेबांची शिवसेना गठजोड़ को झटका देते हुए महा विकास अघाड़ी (एमवीए) समर्थित उम्मीदवारों ने दो सीट जीत ली और एक तीसरी सीट पर जीतती नजर आ रही है.
मुंबई, 3 फरवरी : महाराष्ट्र विधान परिषद के चुनाव में बृहस्पतिवार को भारतीय जनता पार्टी (BJP)- बालासाहेबांची शिवसेना गठजोड़ को झटका देते हुए महा विकास अघाड़ी (MVA) समर्थित उम्मीदवारों ने दो सीट जीत ली और एक तीसरी सीट पर जीतती नजर आ रही है. भाजपा के ज्ञानेश्वर म्हात्रे को कोंकण मंडल शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से विजयी घोषित किया गया. नासिक स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्याशी सत्यजीत तांबे विजयी रहे. उन्होंने एमवीए समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार शुभांगी पाटिल को हराया गया. नागपुर मंडल शिक्षक सीट पर भाजपा समर्थित उम्मीदवार को विपक्षी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के हाथों हार का सामना करना पड़ा. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.
उन्होंने कहा कि एमवीए समर्थित उम्मीदवार सुधाकर अडबले ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी नागोराव गनार को हराकर नागपुर शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से जीत हासिल की. भाजपा समर्थित निर्दलीय प्रत्याशी गनार इस सीट से मौजूदा एमएलसी हैं. नागपुर उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का गृह जिला है. विधानमंडल के उच्च सदन की सभी पांच सीट के लिए मतदान 30 जनवरी को हुआ और मतगणना बृहस्पतिवार सुबह शुरू हुई. भाजपा उम्मीदवार म्हात्रे को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली पार्टी बालासाहेबांची शिवसेना का समर्थन प्राप्त था, जिन्होंने कोंकण सीट पर एमवीए समर्थित उम्मीदवार बलराम पाटिल को हरा दिया. यह भी पढ़ें : Nagaland Assembly Election 2023: एनडीपीपी, भाजपा के उम्मीदवारों की सूची से 16 मौजूदा विधायक बाहर
कोंकण शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के परिणामों की घोषणा करने वाले रिटर्निंग ऑफिसर और डिवीजनल कमिश्नर महेंद्र कल्याणकर ने कहा कि म्हात्रे को 20,683 वोट मिले, जबकि पाटिल को 10,997 वोट मिले. औरंगाबाद शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के उम्मीदवार विक्रम काले ने जीत दर्ज की. अमरावती स्नातक निर्वाचन क्षेत्र में कांग्रेस प्रत्याशी लिंगाडे भाजपा प्रत्याशी रंजीत पाटिल से आगे चल रहे हैं. पांच परिषद सदस्यों का छह साल का कार्यकाल (शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से तीन और स्नातक निर्वाचन क्षेत्रों से दो) सात फरवरी को समाप्त हो रहा है