कोरोना वायरस: रिजर्व बैंक ने नियामकीय रिटर्न दायर करने के लिये बैंकों को और समय दिया

रिजर्व बैंक ने बृहस्पतिवार को कहा कि कोरोनो वायरस महामारी के कारण कई तरह के व्यावधान उठने से कई संस्थाओं को समय पर रिटर्न जमा करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

मुंबई, 30 अप्रैल भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए बैंकों को विभिन्न प्रकार की नियामकीय रिटर्न दाखिल करने के लिये 30 दिन का अतिरिक्त समय दिया है।

रिजर्व बैंक ने बृहस्पतिवार को कहा कि कोरोनो वायरस महामारी के कारण कई तरह के व्यावधान उठने से कई संस्थाओं को समय पर रिटर्न जमा करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

केंद्रीय बैंक ने 18 नियामकीय रिटर्न सूचीबद्ध किये हैं, जिन्हें बैंक और अखिल भारतीय वित्तीय संस्थान अधिकतम 30 दिनों की देरी के साथ जमा करा सकते हैं।

इनमें ‘लाभांश का भुगतान’, ‘शेयरहोल्डिंग लेखा-जोखा (होल्डिंग शेयरों पर लागू पाबंदियों)’, पीएसयू निवेश विवरण’ और ‘बड़े निवेश पर रिटर्न’ आदि का ब्योरा शामिल हैं।

रिजर्व बैंक ने एक परिपत्र में कहा, "कोरोना वायरस महामारी के कारण व्यवधानों को देखते हुए विभिन्न विनियामक रिटर्न को समय पर जमा करने में हो रही कठिनाई को कम करने के लिये अतिरिक्त समय देने का निर्णय लिया गया है।"

अत: नियमन विभाग को ऐसी संस्थाओं द्वारा नियमों के तहत प्रस्तुत किये जाने वाले सभी रिटर्न नियत तारीख से 30 दिन तक की देरी के साथ प्रस्तुत किये जा सकते हैं।

यह छूट 30 जून 2020 तक जमा किये जाने वाले नियामकीय रिटर्न पर लागू होगी। हालांकि, जो इकाइयां पहले रिटर्न दाखिल करने की स्थिति में हैं, वे ऐसा करना जारी रख सकती हैं।

रिजर्व बैंक ने कोरोना वायरस महामारी के कारण आ रहे व्यवधानों को देखते हुए अगली सूचना तक 'फिक्स्ड रेट रिवर्स रेपो और एमएसएफ ऑपरेशंस के संशोधित समय की वैधता को भी बढ़ा दिया है। संशोधित समय 09:00 बजे से 23:59 बजे तक है, जबकि सामान्य तौर पर यह 17:30 बजे से 23:59 बजे तक रहता है।

पहले इसे 31 मार्च से 30 अप्रैल तक के लिये संशोधित किया गया था। अब अगली सूचना तक संशोधित समय ही प्रभावी रहेगा।

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