नयी दिल्ली, पांच जुलाई दिल्ली में रविवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 2,505 नये मामले सामने आने के साथ कुल आंकड़ा एक लाख के करीब पहुंच गया है जबकि इस महामारी के खिलाफ संघर्ष को बल प्रदान करते हुए यहां 10 हजार बिस्तर वाले सरदार पटेल कोविड देखभाल केंद्र के उद्घाटन किया गया जिसे दुनिया के सबसे बड़े ऐसे केंद्रों में गिना जा रहा है।
दिल्ली सरकार एक ‘कोविड-19 वार रूम’ स्थापित करेगी जो शहर में कोरोना वायरस से निपटने के लिए किये जा रहे प्रयासों पर 24 घंटे नजर रखेगा और वर्तमान स्थिति से प्रभावी ढंग से निपटने के उपाय सुझायेगा। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी।
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दिल्ली स्वास्थ्य विभाग के एक बुलेटिन के मुताबिक, राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना वायरस संक्रमण से रविवार को 63 लोगों की मौत हो गई।
बुलेटिन में कहा गया है कि इस महामारी से मरने वाले लोगों की संख्या बढ़ कर 3,067 हो गई है और संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 99,444 हो गये हैं।
बुलेटिन के मुताबिक, दिल्ली में अब तक 71,339 मरीज इस रोग से उबर चुके हैं, जबकि इलाजरत मरीजों की संख्या 25,038 है। अब तक 6,43,504 नमूनों की जांच की गई है।
रविवार को दिल्ली में स्वास्थ्य ढांचे को उन्नत करने से संबंधित दो बड़ी खबरें आईं। यहां डीआरडीओ ने 1,000 बिस्तर के साथ एक नया अस्थायी अस्पताल बनाया है जिसमें आईसीयू में 250 बिस्तर हैं, वहीं राजधानी में 10,000 बिस्तर वाले सरदार पटेल कोविड केंद्र का उद्घाटन किया गया।
दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने यहां दक्षिण दिल्ली में राधा स्वामी सत्संग ब्यास में 10,000 बिस्तर वाले इस कोविड देखभाल केंद्र का उद्घाटन किया और कहा कि यह केन्द्र महामारी से निपटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
पहले दिन इस केंद्र में दिल्ली के करीब 21 रोगियों को भर्ती कराया गया।
एक अधिकारी ने बताया कि सभी मरीजों की हालत स्थिर है और आईटीबीपी के डॉक्टर उनकी देखभाल कर रहे हैं।
इस केंद्र के संचालन के लिए नोडल एजेंसी भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) होगी जबकि दिल्ली सरकार प्रशासनिक मदद दे रही है।
यह केंद्र 1,700 फुट लंबा और 700 फुट चौड़ा है। इसका आकार फुटबॉल के करीब 20 मैदानों जितना है। इसमें 200 ऐसे परिसर हैं जिनमें प्रत्येक में 50 बिस्तर हैं।
बयान में कहा गया है कि केन्द्र से सुचारू संचालन के लिये आईटीबीपी तथा अन्य केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के 1,000 से अधिक डॉक्टर, नर्स और पैरामेडिकल कर्मचारियों के अलावा, 1,000 अन्य पैरामेडिक कर्मचारियों, सहायकों और सुरक्षा कर्मियों को यहां तैनात किया गया है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को 1,000 बिस्तर वाले नये बने अस्थायी अस्पताल का दौरा किया।
इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के पास रक्षा मंत्रालय के एक भूखंड पर महज 12 दिन में अस्पताल बनाया गया है।
शाह ने कहा कि सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा का दल अस्पताल को चलाएगा वहीं रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) इसका रखरखाव देखेगा।
गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस चुनौतीपूर्ण समय में दिल्ली की जनता की मदद के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं और इस कोविड अस्पताल ने एक बार फिर उनके संकल्प को रेखांकित किया है।
केजरीवाल ने एक बयान में कहा, ‘‘फिलहाल अस्पतालों में बिस्तरों की कमी नहीं है। हमारे पास 15,000 से अधिक बिस्तर हैं जिनमें से 5,300 भरे हुए हैं। आईसीयू के बिस्तरों की कमी है। अगर कोविड-19 के मामलों में वृद्धि होती है तो ये आईसीयू बिस्तर हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं।’’
इससे पहले केजरीवाल ने हिंदी में ट्वीट किया, ‘‘डीआरडीओ का 1,000 बिस्तर का करोना वायरस अस्पताल बनकर तैयार हो गया है। दिल्ली वालों की ओर से केंद्र सरकार का शुक्रिया। इसमें 250 बिस्तर आईसीयू के हैं। इसकी दिल्ली में इस वक्त बहुत ज़रूरत है।’’
इस बीच 1984 के सिख विरोधी दंगों के एक मामले में जेल की सजा काट रहे कांग्रेस के एक पूर्व विधायक की यहां एक अस्पताल में कोविड-19 से मौत हो गयी। वह मंडोली जेल में कोरोना वायरस संक्रमण से मरने वाले दूसरे कैदी थे। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि महेंद्र यादव (70) पालम विधानसभा से पूर्व विधायक थे। वह मंडोली जेल में बंद थे और 10 साल कैद की सजा काट रहे थे। उन्हें 26 जून को अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
महानिदेशक (कारावास) संदीप गोयल ने बताया कि यादव ने 26 जून को बेचैनी और हृदय संबंधी समस्या की शिकायत की थी। उन्हें डीडीयू अस्पताल ले जाया गया जहां से उन्हें एलएनजेपी अस्पताल भेजा गया और भर्ती कर लिया गया।
डॉक्टरों ने बताया कि यहां राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल (आरजीएसएसएच) से 106 साल के एक बुजुर्ग को इलाज के बाद छुट्टी दी गयी जो अपने करीब 70 साल के बेटे से जल्द स्वस्थ हुए। बुजुर्ग की पत्नी और परिवार के एक अन्य सदस्य भी कोरोना वायरस संक्रमण से स्वस्थ हो चुके हैं।
एक वरिष्ठ डॉक्टर ने बताया कि उक्त बुजुर्ग 1918 के स्पेनिश फ्लू के समय चार साल के थे और संभवत: दिल्ली में यह पहला मामला है जिसमें मरीज स्पेनिश फ्लू और कोरोना वायरस जैसी दो महामारी देख चुके हैं।
राष्ट्रीय राजधानी में प्लाज्मा दान करने वाली पहली युवती ने रविवार को और महिलाओं से प्लाज्मा दान करने तथा कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ लड़ाई में योगदान देने को कहा।
उत्तर पश्चिम दिल्ली के रोहिणी की निवासी और पत्रकारिता की छात्रा भूमिका कोहली (20) को 30 मई को कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि हुई थी। उसके भाई अर्पित कोहली को 25 मई को संक्रमण का पता चला था।
दोनों भाई-बहन ने शनिवार को यहां यकृत और पित्त विज्ञान संस्थान (आईएलबीएस) में देश के पहले प्लाज्मा बैंक में अपना प्लाज्मा दान किया।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बृहस्पतिवार को इस केंद्र का उद्घाटन किया था। इसका उद्देश्य कोरोना वायरस रोगियों के उपचार के लिए बतौर परीक्षण इस्तेमाल किये जा रहे प्लाज्मा की सुगम उपलब्धता सुनिश्चित करना है।
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