अभिव्यक्ति की आजादी पर नियंत्रण के लिए कोरोना बना बहाना

हवाई अड्डे के अधिकारियों ने इससे इनकार किया और पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद उस्मा को फुकेत में उनकी गैलरी से गिरफ्तार कर लिया गया।

  उन्होंने देखा कि बैंकॉक हवाई अड्डे पर पहुंचने के बाद उनकी या किसी अन्य सहयात्री की मेडिकल जाँच नहीं की गयी। उन्होंने इसका जिक्र अपने फ़ेसबुक पेज पर किया।

हवाई अड्डे के अधिकारियों ने इससे इनकार किया और पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद उस्मा को फुकेत में उनकी गैलरी से गिरफ्तार कर लिया गया।

उन पर आरोप था कि उन्होंने गलत जानकारी पोस्ट की है। उन्हें कंप्यूटर अपराध कानून का उल्लंघन करने के लिए गिरफ्तार किया गया। इसके तहत कलाकार को पांच साल तक की जेल या 100,000 बहत (3,063 अमेरिकी डॉलर) का जुर्माना हो सकता है।

उस्मा ने एसोसिएटेड प्रेस से कहा कि उनकी फेसबुक पोस्ट केवल 40 से 50 लोगों के छोटे समूह के लिए थी। लेकिन यह वायरल हो गयी।

उनका मानना ​​है कि सरकार को डर है कि उनके विरोधी इस पोस्ट का उपयोग यह साबित करने के लिए कर सकते हैं कि कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में वह (सरकार) गंभीर नहीं है। सरकार ने अन्य लोगों को चेतावनी देने के लिए उनके खिलाफ ऐसी कार्रवाई की।

दुनिया भर की सरकारें लोगों को घर पर रखने और महामारी से बचने के लिए आपातकालीन उपायों को लागू कर रही हैं। लेकिन कुछ सरकारें इस बात से परेशान हैं कि उनके गलत कदमों को प्रचारित किया जा रहा है। कई लोग अपने आलोचकों को चुप कराने के लिए इस संकट का लाभ उठा रहे हैं।

सिडनी विश्वविद्यालय में राजनीति विज्ञान के सहायक प्रोफेसर एईएम सिनपेंग ने कहा कि कोविड-19 बीमारी किसी सरकार या शासन की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण खतरा पैदा कर सकती है क्योंकि इसमें कुशासन सामने आ सकता है और पारदर्शिता की कमी भी स्पष्ट हो सकती है।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, लेटेस्टली स्टाफ ने इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया है)

Share Now

\