धर्मांतरण और गैरकानूनी गतिविधियाँ बर्दाश्त नहीं की जाएगी: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान
मध्य प्रदेश आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) द्वारा जबलपुर में एक बिशप के निवास एवं कार्यालय पर छापे में बड़े स्तर पर गड़बड़ियां और धोखाधड़ी सामने आने के एक दिन बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि धर्मांतरण या गैरकानूनी गतिविधियाँ बर्दाश्त नहीं की जाएगी और ईओडब्ल्यू अनिमितताओं और गतिविधियों की जांच करेगा.
भोपाल, 10 सितंबर : मध्य प्रदेश आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) द्वारा जबलपुर में एक बिशप के निवास एवं कार्यालय पर छापे में बड़े स्तर पर गड़बड़ियां और धोखाधड़ी सामने आने के एक दिन बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि धर्मांतरण या गैरकानूनी गतिविधियाँ बर्दाश्त नहीं की जाएगी और ईओडब्ल्यू अनिमितताओं और गतिविधियों की जांच करेगा. चौहान ने कहा कि अनियमितताओं की शिकायत के आधार पर आठ सितंबर को ईओडब्ल्यू द्वारा जबलपुर स्थित ‘बोर्ड ऑफ एजुकेशन चर्च ऑफ नॉर्थ इंडिया’ के चेयरमेन एवं बिशप के निवास पर छापा मारा गया. उन्होंने कहा कि छापे में ट्रस्ट की संस्थाओं की लीज में धोखाधड़ी, कर ना चुकाने जैसे कृत्य और 17 संपत्ति के दस्तावेज, 48 बैंक खाते, 1.65 करोड़ की नकद राशि, 18,342 अमेरिकी डॉलर और 118 पौंड बरामद किए गए. साथ ही आठ वाहन बरामद हुए हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘इस छापे में बड़े स्तर पर गड़बड़ियां और धोखाधड़ी सामने आई है. राज्य प्रशासन इस बात की जाँच कराएगा कि धन का उपयोग कहीं गैर-कानूनी कामों में तो नहीं किया जा रहा था. यह भी देखा जाएगा कि ट्रस्ट के माध्यम से धर्मांतरण और अन्य गैर-कानूनी काम तो नहीं किए जा रहे हैं. इसकी जाँच ईओडब्ल्यू करेगा, जिला प्रशासन अपनी भूमिका निभाएगा.’’ मुख्यमंत्री ने बिशप पर जबलपुर में हुई कार्रवाई के संबंध में अधिकारियों के साथ बैठक के बाद मीडिया को जारी संदेश में शुक्रवार को यह बात कही. चौहान ने कहा, ‘‘ट्रस्ट की संस्थाओं में धोखाधड़ी, कर नहीं चुकाया जाना या नाम परिवर्तित कर ट्रस्ट के दुरुपयोग, स्टाम्प ड्यूटी या लीज के नवीनीकरण में धांधली की शिकायतें भी आई हैं. यह भी पढ़ें : UP: बलिया में सात साल की बच्ची से दुष्कर्म के आरोप में युवक गिरफ्तार
इन सारे मामलों को भी ईओडब्ल्यू को सौंपा जा रहा है. जिला प्रशासन भी इसकी जाँच करेगा. धर्मांतरण या अन्य गैर-कानूनी गतिविधियाँ किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी.’’ उन्होंने कहा कि शासन द्वारा ट्रस्ट की संस्थाओं को जमीन लीज पर देने की शर्तें निर्धारित होती हैं. जमीन शैक्षणिक उद्देश्य, चिकित्सा संबंधी कार्य, अस्पताल और धर्मस्थल के लिए लीज पर दी जाती है. उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश से ऐसी शिकायतें आ रही हैं कि जिस उद्देश्य के लिए जमीन आवंटित की गई थी उसके बजाय कई स्थान पर इसका व्यवसायीकरण हो रहा है. इसकी जाँच भी की जाएगी.