देश की खबरें | गो-वध विरोधी विधेयक के विरोध में कांग्रेस ने कर्नाटक विधानसभा का बहिष्कार किया
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बेंगलुरु, 10 दिसंबर कर्नाटक विधानसभा में गो-वध निषेध विधेयक पारित होने के विरोध में विपक्षी दल कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को शीतर सत्र के अंतिम दिन सदन का बहिष्कार किया। विधानसभा अध्यक्ष के बार-बार अनुरोध करने के बावजूद विपक्षी दल ने आज की कार्यवाही में भाग नहीं लिया।
विपक्ष के विरोध के बावजूद बुधवार को विवादित ‘कर्नाटक मवेशी वध निषेध और संरक्षण विधेयक, 2020’ विधानसभा में पारित हो गया।
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विपक्ष के नेता सिद्धरमैया ने इसे लोकतंत्र विरोधी कार्य बताते हुए बुधवार को कहा कि इसके विरोध में कांग्रेस बृहस्पतिवार को सदन का बहिष्कार करेगी। कांग्रेस के विधायकों ने आज विधानसभा सत्र की बैठक में भाग लेने के स्थान पर पार्टी की बैठक में हिस्सा लिया।
सदन की कार्यवाही शुरू होने पर आज कांग्रेस का कोई सदस्य उपस्थित नहीं था, ऐसे में विधानसभा अध्यक्ष विश्वेश्वर हेगड़े कागेरी ने उनसे कार्यवाही में भाग लेने का अनुरोध किया।
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उन्होंने कहा, ‘‘विपक्ष के नेता सिद्धरमैया और कांग्रेस विधायकों ने कल कहा था कि वे आज की कार्यवाही में भाग नहीं लेंगे और आज कोई भी उपस्थित नहीं है। मैं उनसे कार्यवाही में भाग लेने की अपील करता हूं।’’
आसन से विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि गो-वध संबंधी विधेयक पारित होने पर नेता विपक्ष ने उनके बारे में कुछ बातें कही हैं। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि वह सदन की कार्यवाही नियमों और परंपराओं के तहत चला रहे हैं।
सिद्धरमैया एवं कांग्रेस ने बुधवार को स्पीकर पर इस विधेयक को पेश और पारित करवाने की अनुमति देकर ‘‘पक्षपातपूर्ण’’ ढंग से काम करने का आरोप लगाया था।
वहीं इस बारे में मंगलुरु में कर्नाटक भाजपा के अध्यक्ष और सांसद नलीन कुमार कतील ने आरोप लगाया कि कांग्रेस विधानसभा में पारित गो-वध निषेध विधेयक का विरोध करके तुष्टिकरण की राजनीति कर रही है।
यहां जिला भाजपा कार्यालय में ‘गऊ-पूजा’ के बाद उन्होंने पत्रकारों से कहा कि कांग्रेस हमेशा गो-वध के पक्ष में रही है और विधेयक का विरोध कोई आश्चर्यजनक बात नहीं है।
कतील ने कहा कि भारतीय संस्कृति में गाय का विशेष स्थान है और मवेशियों के साथ लोगों का जुड़ाव भावनात्मक है। उन्होंने कहा कि इस संस्कृति को जीवित रखने की आवश्यकता है क्योंकि मवेशियों की संख्या लगातार घट रही है।
राज्य भाजपा प्रमुख ने किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए यह विधेयक लाने के लिए मुख्यमंत्री बी. एस. येदियुरप्पा और पशुपालन मंत्री प्रभु चौहान को धन्यवाद दिया।
कतील ने कहा कि सरकार विधानसभा के अगले सत्र में ‘लव जिहाद’ के खिलाफ विधेयक पेश करेगी।
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