मुख्यमंत्री राव ने कांग्रेस और भाजपा पर लगाया आरोप' कहा, कांग्रेस और भाजपा ने तेलंगाना के लिए गंभीरता से काम नहीं किया

भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के अध्यक्ष और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने रविवार को आरोप लगाया कि कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राज्य के लिए गंभीरता से काम नहीं किया।

K Chandrasekhar Rao Photo Credits: PTI

हैदराबाद, 5 नवंबर: भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के अध्यक्ष और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने रविवार को आरोप लगाया कि कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राज्य के लिए गंभीरता से काम नहीं किया. उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय दल राज्य के हितों की बेहतर तरीके से रक्षा कर सकते हैं. खम्मम में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए राव ने कहा कि जनता जानती है कि किसकी जीत तेलंगाना के लिए बेहतर है. उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा, कांग्रेस, दो दल हैं.

क्या आपने कभी इन्हें तेलंगाना का झंडा बुलंद करते हुए देखा है? क्या उन्होंने तेलंगाना के संघर्ष को अपने कंधों पर उठाया? जब भी हमने (तेलंगाना के लिए संघर्ष) शुरू किया तब उन्होंने केवल हमें अपमानित किया, हम पर गोली चलाई और हमें कारागारों में डाल दिया.’’ राव ने आरोप लगाया कि राज्य के कांग्रेस नेता दिल्ली में बैठे अपने आलाकमान से निर्देश लेते हैं. उन्होंने कहा, ‘‘क्या हमें भी दिल्ली के इन ‘गुलामों’ के अधीन गुलाम बनकर रहना चाहिए.’’

मुख्यमंत्री ने कहा कि भविष्य में क्षेत्रीय दलों का युग आने वाला है और राज्य के हितों की तभी रक्षा की जा सकती है जब क्षेत्रीय दल किरदार हों. राव ने बीआरएस शासन के दौरान खम्मम शहर में हुई प्रगति को भी रेखांकित किया. सभा में राव ने मुसलमानों से कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस के 2004 से 2014 के कार्यकाल में केवल 900 करोड़ रुपये अल्पसंख्यकों के विकास पर खर्च किए गए जबकि बीआरएस सरकार ने पिछले साढ़े नौ साल में अल्पसंख्यकों के कल्याण पर 12 हजार करोड़ रुपये खर्च किए हैं.

उन्होंने कहा, ‘‘इससे आप समझ सकते हैं कि कैसे प्रत्येक पार्टी काम करती है. आप जानिए कि कैसे आपको वोट बैंक बनाया गया और कैसे आपके मतों को लूटा गया और कैसे आपके साथ अन्याय किया गया.’’ राव ने कहा कि बीआरएस सभी वर्गों को साथ लेकर चलना चाहती है. उन्होंने दोहराया कि जब तक वह जिंदा रहेंगे तब तक तेलंगाना धर्मनिरपेक्ष राज्य बना रहेगा. तेलंगाना की 119 सदस्यीय विधानसभा चुनाव के लिए 30 नवंबर को मतदान होगा और तीन दिसंबर को मतों की गिनती होगी.

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