नयी दिल्ली, पांच अप्रैल कांग्रेस ने राफेल सौदे में एक बिचौलिये को 11 लाख यूरो (करीब 9.5 करोड़ रुपये) का भुगतन किए जाने के दावे संबंधी फ्रांसीसी मीडिया की एक खबर का हवाला देते हुए सोमवार को कहा कि इस विमान सौदे की निष्पक्ष और गहन जांच होनी चाहिए।
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला संवाददाताओं से कहा कि फ्रांस के एक समाचार पोर्टल ने अपने नये खुलासे से कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के इस रुख को सही साबित किया है कि राफेल विमान सौदे में भ्रष्टाचार हुआ है।
भाजपा और सरकार की तरफ से इस पर फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, हालांकि अतीत में उन्होंने देश के इस सबसे बड़े रक्षा सौदे में किसी भी तरह अनियमितता से कई बार इनकार किया है।
सुरजेवाला ने कहा कि फ्रांसीसी पोर्टल की एक खबर के मुताबिक, फ्रांसीसी भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसी (एएफए) ने खुलासा किया है कि 2016 में इस विमान सौदे पर हस्ताक्षर होने के बाद राफेल की निर्माता कंपनी दसॉं ने एक भारतीय बिचौलिया इकाई-डेफसिस सॉल्यूसंस को 11 लाख यूरो का कथित तौर पर भुगतान किया था।
उन्होंने सवाल किया, ‘‘क्या इस मामले की पूरी और स्वतंत्र जांच कराने की जरूरत नहीं है? अगर घूस दी गई है जो यह पता लगना चाहिए कि भारत सरकार में किसे पैसा दिया गया।’’
कांग्रेस नेता ने यह भी पूछा, ‘‘क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब देश को जवाब देंगे?’’
सुरजेवाला ने कहा कि इस पैसे को दसॉं ने ‘ग्राहकों को उपहार’ पर किए गए खर्च के रूप में दिखाया है।
उन्होंने कहा कि रक्षा खरीद प्रक्रिया के अनुसार, अगर किसी तरह के बिचौलिये या कमीशन का सबूत मिलता है तो फिर इसके गंभीर दंडात्मक नतीजे होंगे तथा आपूर्तिकर्ता पर प्रतिबंध, अनुबंध को रद्द करने, भारी जुर्माना लगाने और प्राथमिकी दर्ज किए जाने तक के कदम उठाए जा सकते हैं।
सुरजेवाला ने सवाल किया कि रॉफेल की निर्माता कंपनी के खिलाफ ये कदम उठाए जा सकते हैं?
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)