देश की खबरें | राजस्थान के कई हिस्सों में कम बारिश से उभरी चिंताएं
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जयपुर, 16 अगस्त राजस्थान के पश्चिमी हिस्से के कुछ जिलों में मौजूदा दक्षिण पश्चिम मानसून के दौरान सामान्य से कम बारिश होने से किसान और सरकार चिंतित हैं।
मानसून में जहां राजस्थान के पूर्वी हिस्से में अनेक जिलों में अत्यधिक बारिश के कारण बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई वहीं पश्चिमी राजस्थान के कुछ जिलों में बारिश सामान्य से कम हुई है।
मौसम विभाग के एक अधिकारी ने कहा, "पश्चिमी राजस्थान के कुछ जिलों में बारिश सामान्य से कम और कम वर्षा की श्रेणी में रहने की संभावना है क्योंकि पश्चिमी क्षेत्र में अब कोई खास बारिश की उम्मीद नहीं है।"
राज्य के अनेक हिस्सों में भारी से अत्यधिक भारी वर्षा का वह दौर अब समाप्त हो चुका है जिसने कई जगह बाढ़ जैसी स्थिति पैदा कर दी थी। हालांकि, कुछ दिनों के बाद बारिश की गतिविधियां बढ़ सकती हैं और राज्य के पूर्वी हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है और अलग-अलग इलाकों में भारी बारिश की संभावना है।
राज्य के जल संसाधन विभाग के आंकड़ों के अनुसार, कुल 33 में से 11 जिले कम वर्षा की श्रेणी में हैं, 13 जिले सामान्य वर्षा की श्रेणी में हैं और 5 जिलों में 1 जून से 15 अगस्त की अवधि में अत्यधिक बारिश हुई है।
चार जिलों में असामान्य बारिश दर्ज की गई है और कोई भी जिला अल्प वर्षा की श्रेणी में नहीं आता है। समग्र रूप से देखा जाए तो राजस्थान में अब तक सामान्य वर्षा दर्ज की गई है, जो औसत वर्षा से 2.4 प्रतिशत अधिक है।
कोटा संभाग में इस मानसून सीजन में अब तक असामान्य बारिश दर्ज की गई है, जो औसत से 76.3 प्रतिशत अधिक है। कोटा संभाग के अंतर्गत आने वाले कोटा, बूंदी, बारां और झालावाड़ जिले के साथ साथ सवाईमाधोपुर, करौली और दौसा जिले में भारी बारिश ने हाल ही में लोगों के लिए परेशानी खड़ी कर दी।
भरतपुर संभाग में सामान्य से अधिक बारिश दर्ज की गई, जबकि जोधपुर संभाग में सामान्य से कम वर्षा हुई है। वहीं, बीकानेर, अजमेर और जयपुर सामान्य बारिश श्रेणी में आते हैं।
कम वर्षा वाले जिले (-20 प्रतिशत से -59 प्रतिशत) बांसवाड़ा, बाड़मेर, भीलवाड़ा, डूंगरपुर, गंगानगर, जालोर, जोधपुर, पाली, राजसमंद, सिरोही और उदयपुर हैं जबकि अजमेर, अलवर, भरतपुर, बीकानेर, चित्तौड़गढ़, चुरू, धौलपुर, हनुमानगढ़, जयपुर, झुंझुनू, नागौर, प्रतापगढ़ और सीकर में सामान्य बारिश (19 से -19 प्रतिशत) दर्ज की गई।
दौसा, जैसलमेर, झालावाड़, करौली और टोंक अधिक वर्षा (20 प्रतिशत से 59 प्रतिशत) की श्रेणी में आते हैं जबकि बारां, बूंदी, कोटा और सवाईमाधोपुर में असामान्य बारिश (60 प्रतिशत या अधिक) दर्ज की गई है।
वहीं, कुल 727 बांधों में से 118 पूरी तरह से भरे हुए हैं, 309 आंशिक रूप से भरे हुए हैं और 228 खाली हैं।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य के कुछ हिस्सों में मानसून की बारिश सामान्य से कम रहने पर हाल ही चिंता जताई थी। इसके साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई थी कि अगस्त माह में ज्यादा बारिश होगी और बारिश का स्तर सामान्य हो जाएगा।
गहलोत ने ट्वीट किया था,‘ राज्य के कई हिस्सों में अतिवृष्टि एवं कुछ हिस्सों में बारिश औसत से कम हुई है जो चिंता का विषय है।’
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