विदेश की खबरें | कोलंबो पत्तन कर्मचारियों ने ईसीटी के निजीकरण के विरोध में काम रोका

कोलंबो, एक अगस्त श्रीलंका के रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण कोलंबो पत्तन के कर्मचारियों ने ईस्टर्न कंटेनर टर्मिनल (ईसीटी) के निजीकरण के विरोध में काम बंद कर दिया है और देश के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे से ‘‘लिखित में देने’’ के लिए कहा है कि इसे भारत को सौंपकर इसका निजीकरण नहीं किया जाएगा।

इससे पहले कर्मचारियों ने पिछले माह अनिश्चितकाल के लिए हड़ताल पर जाने की धमकी दी थी। उनका कहना था कि श्रीलंका को देश के सबसे बड़े और व्यस्ततम बंदरगाह के गहरे समुद्र कंटेनर टर्मिनल को विकसित करने से रोकने के लिए ‘‘भारतीय दबाव’’ के विरोध में वह अनिश्चितकाल के लिए हड़ताल करेंगे।

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व्यापर संघ के नेता प्रसन्ना कलुथारेज ने कहा, ‘‘हमने पूरे पत्तन का काम रोक दिया है और हम राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे से लिखित में संकल्प चाहते हैं कि ईसीटी को भारत या किसी और देश को देकर उसका निजीकरण नहीं किया जाएगा।’’

उन्होंने कहा कि कर्मचारियों ने शुक्रवार से काम बंद कर दिया है, जब तक राजपक्षे उनसे नहीं मिलेंगे और उनकी मांग पर सहमत नहीं होंगे, तब तक हमारी हड़ताल जारी रहेगी।

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उन्होंने कहा, “हम राष्ट्र से माफी मांगते हैं क्योंकि हमारी हड़ताल से राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को नुकसान होगा लेकिन यदि ईसीटी का निजीकरण किया गया तो यह नुकसान कई गुना होगा। हम चाहते हैं कि श्रीलंका पत्तन प्राधिकरण ईसीटी का प्रबंधन करे।’’

दरअसल, पिछली सिरिसेना सरकार ने ईसीटी के विकास के लिए भारत और जापान के साथ एक त्रिपक्षीय ‘सहयोग ज्ञापन’ (एमओसी) पर हस्ताक्षर किए थे। यह चीन-संचालित कोलंबो इंटरनेशनल कंटेनर टर्मिनल (सीआईसीटी) के ठीक बगल में स्थित है।

एमओसी पिछले वर्ष पूरा हो चुका है, लेकिन टर्मिनल विकसित करने के लिए एक औपचारिक समझौते पर हस्ताक्षर होना बाकी है और ट्रेड यूनियन सरकार पर एमओसी को छोड़ने और टर्मिनल को सौ फीसदी श्रीलंकाई उद्यम के रूप में विकसित करने के लिए दबाव डाल रही है।

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