देश की खबरें | जम्मू-कश्मीर में पिछले पांच साल में ‘कोलेट्रल डैमेज’ शून्य रहा : डीजीपी

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लेथपुरा (जम्मू-कश्मीर), 28 अक्टूबर जम्मू-कश्मीर के पुलिस प्रमुख दिलबाग सिंह ने शनिवार को कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में गत पांच साल में आतंकवाद की घटनाओं में कमी आई है और ‘कोलेट्रल डैमेज’ शून्य रहा तथा कानून-व्यवस्था की कोई घटना नहीं हुई।

उन्होंने यह टिप्पणी पुलिस थानों की परिचालन क्षमता वृद्धि (ओसीएपी) का दूसरा चरण शुरू करने के लिए आयोजित कार्यक्रम के दौरान की। दिलबाग सिंह 31 अक्टूबर को सेवा निवृत्त हो रहे हैं।

कोलेट्रल डैमेज का अभिप्राय सैन्य अभियान के दौरान होने वाली असैन्य क्षति से है।

दूसरे चरण के तहत 22 पुलिस थानों को शांति और स्थिरत टीम मुहैया कराई गई है जिनमें 14 उच्च प्रशिक्षित जवान, आधुनिक हथियारों और उपकरण के साथ वाहन और ड्रोन शामिल है।

सिंह ने दावा किया, ‘‘हमें इस बात पर गर्व है कि पिछले पांच वर्ष में कार्रवाई के दौरान कोई ‘कोलेट्रल डैमेज’ नहीं हुआ। यह बेहद खुशी की बात है। कानून-व्यवस्था की घटनाएं भी शून्य हो गयी हैं। ईश्वर की कृपा से, पिछले पांच वर्ष में पुलिस कार्रवाई में एक भी नागरिक हताहत नहीं हुआ है। हमें इस पर बहुत गर्व है।’’

डीजीपी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर आंतवाद के काले युग से बाहर आ रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘आतंकवाद का ग्राफ नीचे आ रहा है और अब यह निचले स्तर पर है। हम इसे शून्य पर देखना चाहते हैं।’’

सिंह ने शून्य आंतकवाद की उपलब्धि हासिल करने को लेकर कहा कि नयी योजना बनाई गई है और पुलिस थानों के ओसीएपी की परिचालन क्षमता वृद्धि की जा रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘ ओसीएपी के तहत 43 ऐसे पुलिस थानों की पहचान की गई जहां अन्य थानों की तुलना में आतंकवादी घटनाएं ज्यादा हो रही थीं।’’

डीजीपी ने कहा, ‘‘पहले चरण में दो अगस्त को 21 पुलिस थानों को कवर किया गया था। मुझे खुशी है कि आज बाकी 22 पुलिस थानों के लिए शांति और स्थिरता टीम तैनात की जा रही हैं।’’

आतंकवाद की घटनाओं की जानकारी देते हुए सिंह ने कहा कि इस साल अबतक जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद की घटनाए हुई हैं।

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