देश की खबरें | कश्मीर में ठंड का कहर : जलाशय जम गए, न्यूनतम तापमान जमाव बिंदु से नीचे दर्ज

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. कश्मीर घाटी में शीत लहर के प्रकोप के साथ न्यूनतम तापमान जमाव बिंदु से नीचे बना हुआ है और जलाशयों में पानी जम गया है। मौसम कार्यालय ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

श्रीनगर, दो जनवरी कश्मीर घाटी में शीत लहर के प्रकोप के साथ न्यूनतम तापमान जमाव बिंदु से नीचे बना हुआ है और जलाशयों में पानी जम गया है। मौसम कार्यालय ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

अधिकारियों ने बताया कि सोमवार रात श्रीनगर में न्यूनतम तापमान शून्य से नीचे 4.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जिससे डल झील की सतह पर बर्फ की एक पतली परत बन गई है।

‘हाउसबोट’ में रहने वाले स्थानीय निवासियों को अपनी नौकाओं को किनारे पर लाने के लिए बर्फ की परत तोड़ने में काफी मशक्कत करनी पड़ी।

अत्यधिक शीत लहर के कारण कश्मीर के कई इलाकों में पानी की आपूर्ति करने वाले पाइप के अंदर पानी जम गया है।

उन्होंने बताया कि दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम में न्यूनतम तापमान शून्य से नीचे 6.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि पिछली रात यह शून्य से नीचे 5.7 डिग्री सेल्सियस था।

अधिकारियों ने बताया कि उत्तरी कश्मीर के गुलमर्ग स्कीइंग रिसॉर्ट में न्यूनतम तापमान शून्य से नीचे चार डिग्री, काजीगुंड में 4.4 डिग्री, कोकेरनाग शहर में 2.7 डिग्री और कुपवाड़ा में 4.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

उन्होंने बताया कि कश्मीर में लंबे समय से मौसम स्थिर बना हुआ है और अगले छह दिनों तक बारिश का कोई अनुमान नहीं है। दिसंबर में बारिश 79 फीसदी की कमी हुई।

कश्मीर के अधिकतर मैदानी इलाके में बर्फबारी नहीं हुई और मौसम शुष्क रहा। घाटी के ऊपरी इलाकों में दिसंबर के अंत तक सामान्य से कम बर्फबारी दर्ज की गई।

अधिकारियों ने बताया कि आसमान साफ रहने के कारण श्रीनगर सहित ज्यादातर हिस्सों में न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई है।

कश्मीर वर्तमान में 'चिल्लई-कलां' की चपेट में है। यह 40 दिनों की भीषण सर्दी की अवधि है। इस दौरान क्षेत्र में शीत लहर चलती है और तापमान बेहद नीचे चला जाता है जिससे प्रख्यात डल झील सहित जल निकाय जम जाते हैं। घाटी के कई हिस्से इस स्थिति का सामना करते हैं।

इस अवधि के दौरान बर्फबारी की संभावना सबसे अधिक होती है और ऊंचाई वाले इलाके में भारी बर्फवारी भी होती है। चिल्लाई-कलां 31 जनवरी को खत्म होगा।

‘चिल्लई-कलां’ की शुरुआत 21 दिसंबर से होती है और 31 जनवरी को यह समाप्त होगा। इसके बाद कश्मीर में 20 दिनों का ‘चिल्लई-खुर्द’ (छोटी ठंड) और 10 दिनों का ‘चिल्लई-बच्चा’ (हल्की ठंड) का दौर रहता है। इस दौरान शीत लहर जारी रहती है।

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