देश की खबरें | उत्तर भारत में शीत लहर व घना कोहरा, कई स्थानों पर तापमान शून्य डिग्री सेल्सियस से नीचे गिरा

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. उत्तर भारत के एक बड़े हिस्से में बृहस्पतिवार को घना कोहरा छाया रहा और कई इलाकों में तापमान शून्य डिग्री सेल्सियस से नीचे चला गया। इसके साथ ही, बाढ़ और चक्रवात जैसे खराब मौसम वाला रहा यह वर्ष समाप्त हो रहा है।

एनडीआरएफ/प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: ANI)

नयी दिल्ली, 31 दिसंबर उत्तर भारत के एक बड़े हिस्से में बृहस्पतिवार को घना कोहरा छाया रहा और कई इलाकों में तापमान शून्य डिग्री सेल्सियस से नीचे चला गया। इसके साथ ही, बाढ़ और चक्रवात जैसे खराब मौसम वाला रहा यह वर्ष समाप्त हो रहा है।

पश्चिम भारत के राजस्थान और देश के मध्य हिस्से में मध्य प्रदेश में शीत लहर की परिस्थितियां हैं।

मौसम विभाग के अधिकारियों ने बताया कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर के गुलमर्ग में न्यूनतम तापमान शून्य से 10.4 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया। यह केंद्र शासित प्रदेश में सबसे ठंडा स्थान रहा।

दिल्ली में सुबह घना कोहरा छाए रहने से दृश्यता घटकर महज 50 मीटर रह गयी और न्यूनतम तापमान भी 3.3 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया, जो इस मौसम का सबसे कम तापमान है।

मौसम विभाग ने बताया कि लगातार तीसरे दिन शहर में शीतलहर चल रही है।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा कि इस बार दिसंबर में दिल्ली में औसत न्यूनतम तापमान पिछले 15 साल में दूसरी बार सबसे कम रहा ।

आईएमडी द्वारा बृहस्पतिवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक इस साल दिसंबर में औसत न्यूनतम तापमान (एमएमटी) 7.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जबकि पिछले साल औसत न्यूनतम तापमान 7.6 डिग्री रहा था।

आंकड़ों के मुताबिक पिछले 15 साल में केवल एक बार 2018 में औसत न्यूनतम तापामान सात डिग्री सेल्सियस से नीचे गया, जब यह 6.7 डिग्री सेल्सियस था।

विभाग ने बताया कि दिसंबर 1965 में शहर में नौ दिन शीत लहर रहा था, जो अब तक का सर्वाघिक है।

आईएमडी के क्षेत्रीय पूर्वानुमान केंद्र के प्रमुख कुलदीप श्रीवास्तव के मुताबिक दिल्ली-एनसीआर में साफ आसमान, हिमालय क्षेत्र से पश्चिमी विक्षोभ और ‘ला नीना’ के प्रभाव जैसे कारकों के कारण न्यूनतम तापमान में गिरावट आयी है।

‘ला नीना’ प्रशांत महासागर में तापमान में बदलाव संबंधी मौसमी परिघटना है इसके कारण हवा के रूख में बदलाव आता है।

कश्मीर में बृहस्पतिवार को ठंड का प्रकोप बढ़ गया और घाटी में कई स्थानों पर न्यूनतम तापमान जमाव बिंदु से नीचे चला गया।

जम्मू कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में तापमान शून्य से 5.9 डिग्री सेल्सियस नीचे चला गया, जबकि उससे एक दिन पहले न्यूनतम तापमान शून्य से 2.2 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया था।

काजीगुंड में शून्य से 6.2 डिग्री सेल्सियस नीचे तापमान रहा। उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा में शून्य से 5.8 डिग्री सेल्सियस नीचे तापमान दर्ज किया गया।

कश्मीर में ‘चिल्लई कलां’ की अवधि चल रही है और 40 दिनों की इस अवधि में भीषण ठंड पड़ती है। तापमान गिरने से प्रसिद्ध डल झील समेत घाटी के विभिन्न भागों में जलापूर्ति की पाइपलाइनों में पानी जम जाता है।

अधिकारियों ने बताया कि इस अवधि में बर्फबारी के आसार भी रहते हैं और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भारी बर्फबारी होती है। ‘चिल्लई कलां’ की अवधि 21 दिसंबर से शुरू हुई थी और यह 31 जनवरी को खत्म होगी। इसके बाद 20 दिनों के चिल्लई खुर्द (कम ठंड) और फिर 10 दिवसीय चिल्लई बच्चा (सामान्य ठंड) की शुरुआत होगी।

हिमाचल प्रदेश में बृहस्पतिवार को कई स्थानों पर तापमान शून्य डिग्री सेल्सियस से नीचे दर्ज कर दिया गया।

लाहौल-स्पीति जिले का प्रशासनिक केंद्र केलोंग प्रदेश का सबसे ठंडा स्थान रहा, जहां न्यूनतम तापमान शून्य से 12.2 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया। कालपा और किन्नौर में न्यूनतम तामपान शून्य से 3.8 डिग्री सेल्सियस नीचे रहा।

मनाली और सोलन में क्रमश: शून्य से 1.6 और 0.7 डिग्री सेल्सियस कम तापमान रहा।

मौसम वैज्ञानिकों ने तीन से छह जनवरी के बीच प्रदेश के मैदानी इलाकों में बारिश होने और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी होने का पूर्वानुमान किया है।

पड़ोसी राज्य पंजाब एवं हरियाणा में भी हाड़ कंपा देने वाली ठंड से राहत नहीं मिलने जा रही है। दोनों राज्यों के कई हिस्सों में घना कोहरा छाया रहा और बुधवार को मौसम की सबसे सर्द रात दर्ज की गई।

चंडीगढ़ स्थित मौसम विभाग ने बताया कि हरियाणा के हिसार में मौसम की सबसे सर्द रात रही, जहां नयूनतम तापमान शून्य से 1.2 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया, जो सामान्य से आठ डिग्री से. कम है।

पंजाब के बठिंडा में न्यूनतम तापमान शून्य डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि अमृतसर में यह 1.6 और फरीदकोट में 1.2 डिग्री सेल्सियस रहा।

पहाड़ों पर हो रही बर्फबारी से मैदानी इलाकों में गलन भरी ठंड पड़ रही है। उत्तर प्रदेश के अनेक इलाके पिछले 24 घंटे के दौरान जबर्दस्त शीतलहर की चपेट में रहे।

आंचलिक मौसम केंद्र की रिपोर्ट के अनुसार इस अवधि में मेरठ मंडल में दिन के तापमान में खासी गिरावट दर्ज की गई। इसके अलावा आगरा, इलाहाबाद, बरेली तथा झांसी मंडलों में भी अधिकतम तापमान सामान्य से कम रहे।

पिछले 24 घंटे के दौरान नजीबाबाद राज्य का सबसे ठंडा स्थान रहा जहां न्यूनतम तापमान तीन डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।

राजस्थान में बृहस्पतिवार को भी कड़ाके की सर्दी जारी रही और 12 से अधिक जिलों में न्यूनतम तापमान पांच डिग्री सेल्सियस से नीचे दर्ज किया गया जिससे जनजीवन प्रभावित हुआ।

राज्य के एक मात्र पर्वतीय पर्यटक स्थल माउंट आबू में न्यूनतम तापमान और गिरकर शून्य से 4.4 डिग्री सेल्सियस नीचे पहुंच गया।

मध्यप्रदेश के अधिकांश हिस्सों में कड़ाके की ठंड जारी रही, जिससे अगले दो-तीन दिन राहत मिलने की संभावना नहीं है। प्रदेश में सबसे कम तापमान दतिया में 2.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

मध्यप्रदेश में दिसंबर में यह दूसरी बार शीतलहर आई है। इससे पहले 19 से 23 दिसंबर तक प्रदेश के अधिकांश भागों में कड़ाके की ठंड पड़ी थी।

मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) भोपाल के वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक जी डी मिश्रा ने बताया कि पिछले 24 घंटे में प्रदेश के धार, ग्वालियर एवं दतिया जिलों में शीतलहर का प्रभाव रहा। उन्होंने बताया कि टीकमगढ़, भोपाल, राजगढ़, इंदौर, धार, उज्जैन, छतरपुर, सागर, दमोह, खंडवा, खरगोन, रतलाम, शाजापुर, दतिया एवं गुना जिलों में भी कड़ाके की ठंड रही। उन्होंने कहा कि ग्वालियर, दतिया एवं गुना में कोहरा रहा।

मिश्रा ने बताया कि प्रदेश में सबसे कम तापमान दतिया (2.8 डिग्री सेल्सियस) में दर्ज किया गया।

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