बीजिंग, 17 अगस्त चीन ने मंगलवार को अमेरिका से अपने मनमुटाव को कम करने और काबुल में तालिबान के सत्ता पर कब्जा करने के बाद अफगानिस्तान में स्थिरता के लिए सहयोग के वास्ते शिनझियांग के उइगर अलगाववादी समूह ईस्ट तुर्किस्तान इस्लामिक मूवमेंट (ईटीआईएम) पर फिर से प्रतिबंध लगाने का आह्वान किया।
अमेरिका समर्थित अफगान सरकार गिरने और राष्ट्रपति अशरफ गनी के देश छोड़कर जाने के बाद तालिबान ने रविवार को काबुल पर कब्जा जमा लिया जिससे युद्धग्रस्त इस देश को बदलने का प्रयास कर रहे अमेरिका और उसके सहयोगियों के दो दशक के अभियान का अचानक अंत हो गया।
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने मंगलवार को चीनी विदेश मंत्री वांग यी के साथ फोन पर बातचीत की। इस दौरान दोनों नेताओं ने तालिबान द्वारा अचानक सत्ता पर कब्जा जमाने के बाद अफगानिस्तान में उभरती स्थिति पर चर्चा की।
चीनी विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, फोन पर बातचीत के दौरान ब्लिंकन ने अफगान मुद्दे पर दोहा बैठक में चीन की भागीदारी की सराहना की।
सरकारी समाचार एजेंसी ‘शिन्हुआ’ की खबर के अनुसार शीर्ष अमेरिकी राजनयिक ने कहा कि तालिबान को चरमपंथ से मुक्त होने की घोषणा करनी चाहिए, सत्ता के व्यवस्थित हस्तांतरण का विकल्प चुनना चाहिए और एक समावेशी सरकार की स्थापना करनी चाहिए। उन्होंने उम्मीद जताई कि चीन भी इसमें एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
वांग ने अफगानिस्तान और अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद विरोधी मुद्दों पर चीन-अमेरिका सहयोग के लिए बाधाओं को दूर करने के बारे में बात की। अमेरिकी सैनिकों की जल्दबाजी में वापसी की कड़ी आलोचना करते हुए वांग ने कहा कि वाशिंगटन को अफगानिस्तान में स्थिरता बनाए रखने और अशांति को रोकने में मदद करने में रचनात्मक भूमिका निभानी चाहिए।
वांग ने ईटीआईएम पर एक आतंकवादी संगठन के रूप में प्रतिबंध हटाने के पिछले ट्रंप प्रशासन के फैसले की ओर इशारा किया और कहा कि यह कदम आतंकवाद विरोधी मुद्दे पर अमेरिका के दोहरे मानकों को दर्शाता है।
ईटीआईएम जिसे अलकायदा का सहयोगी बताया जाता है, चीन के अस्थिर शिनजियांग प्रांत का एक उग्रवादी समूह है। यह प्रांत की स्वतंत्रता के लिए लड़ रहा है जहां एक करोड़ उइगर मुस्लिम रहते हैं।
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