नयी दिल्ली, 31 जुलाई केंद्र सरकार का राजकोषीय घाटा अप्रैल-जून तिमाही में समूचे वित्त वर्ष के लिए निर्धारित लक्ष्य का 25.3 प्रतिशत हो गया। सोमवार को जारी आधिकारिक आंकड़े में यह जानकारी दी गई।
लेखा महानियंत्रक (सीजीए) की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक, जून के अंत में राजकोषीय घाटा वास्तविक संदर्भ में 4,51,370 करोड़ रुपये रहा। सरकारी राजस्व एवं व्यय के बीच के अंतर को राजकोषीय घाटा कहा जाता है।
इसके पहले वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही में राजकोषीय घाटा बजट अनुमान को 21.2 प्रतिशत रहा था।
वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 5.9 प्रतिशत तक सीमित रखने का लक्ष्य रखा गया है। पिछले वित्त वर्ष में यह जीडीपी का 6.4 प्रतिशत रहा था।
सीजीए ने कहा कि चालू वित्त वर्ष के पहले तीन महीनों में सरकार का शुद्ध कर राजस्व 4,33,620 करोड़ रुपये रहा जो बजट अनुमान का 18.6 प्रतिशत है। पिछले साल की समान तिमाही में शुद्ध कर संग्रह 26.1 प्रतिशत रहा था।
अप्रैल-जून तिमाही में केंद्र सरकार का कुल व्यय 10.5 लाख करोड़ रुपये रहा जो बजट अनुमान का 23.3 प्रतिशत है। पिछले साल की समान तिमाही में यह 24 प्रतिशत पर रहा था।
कुल व्यय में से 7.72 लाख करोड़ रुपये राजस्व खाते से हुआ जबकि 2.78 लाख करोड़ रुपये पूंजीगत खाते से गए।
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