नयी दिल्ली, 30 मार्च : राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने असम के गुवाहाटी से 2019 में जाली मुद्रा जब्त करने के मामले में तीन आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया है. एक आधिकारिक बयान में शनिवार को यह जानकारी दी गई. एजेंसी ने बताया कि बृहस्पतिवार को खैरुल अलोम खांदकार, सितजल हक और सुदीप विश्वास के खिलाफ दूसरा पूरक आरोप पत्र दाखिल किया. इसी के साथ आरोप में आरोपी बनाए गए लोगों की संख्या सात हो गई है. एनआईए ने तीन आरोपियों के खिलाफ दिसंबर 2019 में आरोप पत्र दाखिल किया था जबकि एक आरोपी के खिलाफ मई 2020 में पूरक आरोप पत्र दाखिल किया गया.
एनआईए द्वारा जारी बयान के मुताबिक, सुदीप की पहचान मुख्य आरोपी के रूप में की गई, जिसने सफीकुल इस्लाम (जो बाद में सरकारी गवाह बन गया और इस मामले में गवाह बन गया) के साथ गैरकानूनी लाभ के लिए जाली भारतीय मुद्रा नोट छापने और बाजार में चलाने की साजिश रची थी. इसमें कहा गया है कि उन्होंने बाजार से एक रंगीन प्रिंटर और ‘बॉन्ड पेपर’ खरीदा था और 50 रुपये, 100 रुपये, 200 रुपये और 500 रुपये के मूल्यवर्ग में जाली नोट छापे थे. यह भी पढ़ें : कोर्ट की मंजूरी के बाद ईडी ने जेल में शुरू की शाहजहां से पूछताछ
जांच एजेंसी ने बताया कि असम पुलिस द्वारा आरोपी मतलेब अली, अमीर हमजा और दिलबर हुसैन के कब्जे से 1,84,000 रुपये मूल्य की जाली मुद्रा की जब्ती के बाद पूरे प्रकरण का खुलासा हुआ. एनआईए जांच के अनुसार, तीनों को सुदीप और सफीकुल ने बाजार में चलाने के लिए नोट दिए थे. केंद्रीय एजेंसी ने अक्टूबर 2019 में मामले की जांच अपने हाथ में ले ली.