नयी दिल्ली, 20 मई केंद्र ने बृहस्पतिवार को कहा कि सरकार जून के अंत तक कोविड-19 संबंधी जांच की दैनिक संख्या को मौजूदा 16-20 लाख से बढ़ाकर 45 लाख तक करना चाहती है। इसने कहा कि पिछले 24 घंटे में देश में रिकॉर्ड 20.55 लाख नमूनों की जांच की गई।
जांच क्षमता को बढ़ाने के क्रम में भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने घर आधारित एक रैपिड एंटीजन जांच (आरएटी) किट को भी मंजूरी दी है जो माइलैब डिस्कवरी सॉल्यूशंस लिमिटेड, पुणे ने विकसित की है।
आईसीएमआर के महानिदेशक बलराम भार्गव ने कहा कि तीन और कंपनियों द्वारा निर्मित किट भी लाइन में हैं और इन्हें एक सप्ताह के भीतर मंजूरी मिलने की उम्मीद है।
भार्गव ने कहा कि घर में ही कोरोना वायरस संक्रमण की जांच के लिए तैयार की गईं किट तीन-चार दिन में बाजार में उपलब्ध होगी।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा जांच क्षमता को मजबूत करने के लिए आईसीएमआर ने 105 से अधिक रैपिड एंटीजन जांच कंपनियों को मान्य किया है और उनमें से 41 को स्वीकृति दे दी है।
भार्गव ने कहा, ‘‘हम इस सप्ताह 16-20 लाख जांच कर रहे हैं और हमारे पास महीने के अंत तक 20 लाख जांच करने की क्षमता है और अगले महीने के अंत तक हमारे पास 45 लाख तक की संख्या में जांच करने की क्षमता होगी क्योंकि आईसीएमआर ने 105 से अधिक आरएटी कंपनियों को मान्य किया है और उनमें से 41 को मंजूरी प्रदान की है तथा उनमें से 31 स्वदेशी हैं।’’
उन्होंने कहा कि 45 लाख जांच में से 18 लाख आरटी-पीसीआर जांच होंगी तथा 27 लाख रैपिड एंटीजन जांच होंगी।
देश में पिछले 24 घंटे में 20.55 लाख से अधिक नमूनों की जांच की गई जो अब तक का सर्वाधिक आंकड़ा है।
भार्गव ने कहा कि सभी राज्यों ने ऑर्डर दिया है और वे तेजी से अपनी जांच क्षमता बढ़ा रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘घर में जांच के लिए आप मेडिकल स्टोर से किट खरीदिए और फिर मोबाइल ऐप डाउनलोड कीजिए, पंजीकरण करिए और नियमावली पढ़िए। फिर खुद अपनी जांच करिए और मोबाइल से फोटो खींचिए तथा अपलोड कीजिए। मोबाइल फोन आपको परिणाम बताएगा।’’
भार्गव ने कहा, ‘‘दूसरी लहर में हमें आरएटी जांच बढ़ानी होगी, हमने सभी मुख्य सचिवों को लिखा है और उन्होंने इसपर कार्रवाई की है। नगरों और गांवों में 24 घंटे सातों दिन काम करने वाले अनेक आरएटी बूथ स्थापित किए जाएंगे।’’
उन्होंने एक अध्ययन का हवाला देते हुए कहा, ‘‘50 प्रतिशत लोग अब भी मास्क नहीं पहनते, और जो लोग मास्क पहनते हैं, उनमें से लगभग 64 प्रतिशत लोग ऐसे हैं जो मास्क पहनकर सिर्फ अपना मुंह ढंकते हैं, लेकिन नाक को नहीं ढकते। 20 प्रतिशत इसे ठुड्डी पर रखते हैं तो दो प्रतिशत इसे गले में डालकर रखते हैं।’’
भार्गव ने कहा कि 25 शहरों में दो हजार लोगों को अध्ययन में शामिल किया गया।
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि पिछले 15 दिन से कोविड-19 के उपचाराधीन मामलों में लगातार कमी आ रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘तीन मई को उपचाराधीन मामले कुल मामलों का 17.13 प्रतिशत थे, जो अब कुल मामलों का 12.1 प्रतिशत हैं। लोगों के ठीक होने की दर में भी सुधार देखने को मिला है। तीन मई को यह 81.7 प्रतिशत थी जो अब 86.7 प्रतिशत हो गई है।’’
अधिकारी ने कहा कि भारत में फरवरी के मध्य से कोविड-19 संबंधी जांच की संख्या में साप्ताहिक रूप से लगातार वृद्धि हो रही है और 12 सप्ताह में इसमें औसतन 2.3 गुना की वृद्धि हुई है।
अग्रवाल ने कहा कि 10 सप्ताह तक कोरोना वायरस संक्रमण दर में लगातार वृद्धि के बाद, पिछले दो सप्ताह से महामारी के मामलों में कमी की खबरें आ रही हैं।
उन्होंने कहा कि 29 अप्रैल से पांच मई तक ऐसे जिलों की संख्या 210 थी जहां संक्रमण के मामलों में कमी आ रही थी, लेकिन 13 से 19 मई के बीच ऐसे जिलों की संख्या बढ़कर 303 हो गई है।
अग्रवाल ने कहा कि देश में बुधवार को संक्रमण दर 13.31 प्रतिशत थी जो एक महीने में सबसे कम है।
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