नयी दिल्ली, 11 अप्रैल देश में लग्जरी श्रेणी आवास यानी तीन करोड़ रुपये से अधिक कीमत के फ्लैटों की मांग में भारी गिरावट आई है।
रीयल एस्टेट कंपनियों द्वारा पिछले तीन साल में 13,000 से अधिक लग्जरी आवासीय इकाइयां पेश की गई हैं। इनमें सिर्फ 45 प्रतिशत फ्लैट ही बेचे जा सकें हैं।
न्यूज कॉर्प और साफ्टबैंक के समर्थन वाली इलारा टेक्नोलॉजीज के स्वामित्व वाली हाउसिंग ब्रोकरेज कंपनी प्रॉपटाइगर की रिपोर्ट के अनुसार डेवलपर कंपनियों ने पिछले तीन साल (2017-19) के दौरान देश के नौ बड़े शहरों में 13,290 लग्जरी फ्लैट पेश किए हैं।बिल्डर इस साल जनवरी तक इनमें से सिर्फ 5,926 महंगे फ्लैट ही बेच सके थे।
इस विश्लेषण में नौ शहरों अहमदाबाद (गांधीनगर सहित), बेंगलुरु, चेन्नई, गुरुग्राम (भिवाड़ी, दारूहेड़ा और सोहना सहित), हैदराबाद, कोलकाता, मुंबई (नवी मुंबई और ठाणे सहित), पुणे और नोएडा (ग्रेटर नोएडा, नोएडा एक्सटेंशन और यमुना एक्सप्रेसवे सहित) को शामिल किया गया है।
आंकड़ों के अनुसार इनमें से 1,131 आवासीय इकाइयां सात-सात करोड़ रुपये से अधिक कीमत की हैं। इनमें से सिर्फ 554 मकान ही बिक पाए हैं। वहीं 3,656 आवासीय इकाइयां पांच से सात करोड़ रुपये कीमत की हैं। इनमें से मात्र 1,631 फ्लैट ही बिक पाए हैं। तीन से पांच करोड़ रुपये कीमत के 8,503 फ्लैटों में बिल्डर आधे से भी कम यानी 3,741 फ्लैट ही बेच पाए हैं।
प्रॉपटाइगर एंड हाउसिंग.कॉम के समूह मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) ध्रुव अग्रवाल ने कहा कि मांग में कमी की वजह से रीयल एस्टेट क्षेत्र काफी दबाव में हैं। इससे व्यापक रूप से आवासीय रीयल एस्टेट क्षेत्र प्रभावित हुआ है। लग्जरी आवास क्षेत्र पर इसका काफी अधिक असर देखने को मिल रहा है।
अजय
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