जरुरी जानकारी | बीपीसीएल निजीकरण: सेबी से पेट्रोनेट, आईजीएल के लिए खुली पेशकश से छूट मिलने की संभावना नहीं

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. भारत के पूंजी बाजार नियामक सेबी द्वारा बीपीसीएल का अधिग्रहण करने वाली कंपनी को पेट्रोनेट एलएनजी लिमिटेड और इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड (आईजीएल) के लिए अनिवार्य खुली पेशकश से छूट देने की संभावना नहीं है।

नयी दिल्ली, सात अक्टूबर भारत के पूंजी बाजार नियामक सेबी द्वारा बीपीसीएल का अधिग्रहण करने वाली कंपनी को पेट्रोनेट एलएनजी लिमिटेड और इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड (आईजीएल) के लिए अनिवार्य खुली पेशकश से छूट देने की संभावना नहीं है।

अधिकारियों ने कहा कि दोनों कंपनियों के गेल जैसे अन्य प्रवर्तकों को निजीकरण से बचने के लिए शेयर खरीद का विकल्प दिया जाएगा।

भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) के पास देश के सबसे बड़े तरलीकृत प्राकृतिक गैस आयातक पेट्रोनेट में 12.5 प्रतिशत और शहरी गैस खुदरा विक्रेता आईजीएल में 22.5 प्रतिशत हिस्सेदारी है।

बीपीसीएल दोनों सूचीबद्ध कंपनियों की प्रवर्तक है और बोर्ड पदों पर काबिज है।

निवेश और लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (डीआईपीएएम) के मूल्यांकन के अनुसार बीपीसीएल में सरकार की पूरी 52.98 प्रतिशत हिस्सेदारी के अधिग्रहणकर्ता को पेट्रोनेट और आईजीएल के अल्पांश शेयरधारकों से 26 फीसदी शेयरों के अधिग्रहण के लिए खुली पेशकश करनी होगी।

इस स्थिति से बचने के लिए भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) से छूट का अनुरोध किया गया था।

एक शीर्ष सरकारी अधिकारी ने कहा, ‘‘हमें अनौपचारिक रूप से बताया गया कि छूट के अनुरोध को स्वीकार किए जाने की संभावना नहीं है क्योंकि सेबी का दायित्व अल्पसंख्यक शेयरधारकों के हितों की रक्षा करना है।’’

यदि खुली पेशकश सफल होती है, तो बीपीसीएल का अधिग्रहणकर्ता पेट्रोनेट में भी सबसे बड़ा शेयरधारक बन जाएगा (बीपीसीएल का 12.5 प्रतिशत हिस्सा और 26 प्रतिशत जनता से) और आईजीएल में उसकी नियंत्रित हिस्सेदारी (बीपीसीएल का 22.5 प्रतिशत हिस्सा और 26 प्रतिशत जनता से) होगी।

अधिकारी ने कहा, ‘‘ऐसे में बीपीसीएल के साथ इन दोनों कंपनियां का भी विनिवेश हो जाएगा।’’

ऐसा होने से रोकने के लिए पेट्रोनेट और आईजीएल के दूसरे प्रवर्तक भी 26 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने के लिए जवाबी पेशकश शुरू करेंगे, ताकि सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में नियंत्रित हिस्सेदारी बरकरार रखी जा सके।

पीटीआई- ने 21 जुलाई को सबसे पहले पेट्रोनेट और आईजीएल के प्रवर्तकों द्वारा कंपनियों को बचाने के कदम की सूचना दी थी।

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