Black Fungus: दिल्ली में बढ़ रहे हैं ब्लैक फंगस के मामले, डॉक्टरों ने स्टेरॉयड के अतार्किक उपयोग को ठहराया जिम्मेदार
चिकित्सा विशेषज्ञों ने मंगलवार को कहा कि कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान दिल्ली के अस्पतालों में इस संक्रमण से उबर रहे लोगों में ब्लैक फंगस या म्यूकोरमाइकोसिस के मामले बढ़े हैं और इसकी वजह बिना डॉक्टर के परामर्श के घर में स्टेरॉयड का ‘अतार्किक’ सेवन संभव है।
नई दिल्ली: चिकित्सा विशेषज्ञों ने मंगलवार को कहा कि कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान दिल्ली के अस्पतालों में इस संक्रमण से उबर रहे लोगों में ब्लैक फंगस (Black Fungus) या म्यूकोरमाइकोसिस के मामले बढ़े हैं और इसकी वजह बिना डॉक्टर के परामर्श के घर में स्टेरॉयड (Steroid) का ‘अतार्किक’ सेवन संभव है. यह कवकीय संक्रमण मस्तिष्क, फेफड़े और 'साइनस' को प्रभावित करता है तथा मधुमेह के रोगियों एवं कमजोर प्रतिरक्षा वाले व्यक्तियों के लिए जानलेवा हो सकता है.
इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल के नाक-कान-गला (ईएनटी) रोग चिकित्सक डॉ. सुरेश सिंह नरूका ने कहा कि मधुमेह, वृक्क रोग, यकृत रोग, वृद्धावस्था आदि से कम प्रतिरक्षा वाले लोगों में म्यूकोरमाइकोसिस अधिक देखने को मिलता है. उन्होंने कहा , ‘‘ यदि ऐसे रोगियों को स्टेरॉयड दिया जाता है तो उनकी प्रतिरक्षा और घट जाती है तथा कवक को पनपने का मौका मिल जाता है. यह भी पढ़े: Deadly Fungus Can Be Reason of Fatal Pandamic: कोरोना से भी घातक है ये फंगस, अगली महामारी का कारण बन सकता है, वैज्ञानिकों ने दी चेतावनी
उन्होंने कहा कि कोविड-19 महज एक फीसद संक्रमितों की जान लेता है जबकि ब्लैक फंगस से मृत्युदर 75 फीसद है. उन्होंने कहा कि म्यूरकोरमाइकोसिस के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाओं के भी गंभीर दुष्प्रभाव हैं और इनकी वजह से किडनी से जुड़ी समस्याएं, स्नायुतंत्र से जुड़े रोग और ह्रदयाघात हो सकता है.
सर गंगाराम अस्पताल के नाक-कान-गला रोग विभाग के प्रमुख डॉ. अजय स्वरूप ने म्यूकोरमाइकोसिस ‘भयावह’ करार देते हुए कहा, ‘ हमारे पास 35 से अधिक मामले हैं जिनमें 10 कोविड संक्रमित हैं। बाकी को कोविड-19 संक्रमण से उबरने के बाद कवकीय संक्रमण हुआ.
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