देश की खबरें | भाजपा ने तृणमूल नेताओं को समूह में शामिल करना बंद कर दिया: पार्टी के नेताओं ने कहा
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने मंगलवार को कहा कि पार्टी ने तृणमूल नेताओं को समूह में शामिल करना बंद कर दिया है।
कोलकाता, दो फरवरी भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने मंगलवार को कहा कि पार्टी ने तृणमूल नेताओं को समूह में शामिल करना बंद कर दिया है।
उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस के नेताओं की जांच किए बिना उन्हें धड़ल्ले से पार्टी में शामिल करने पर भाजपा के भीतर उपजे रोष के कारण यह निर्णय लिया गया।
उन्होंने कहा कि अब स्थानीय नेतृत्व के साथ बातचीत करने के बाद चुनिंदा नेताओं को ही पार्टी में लिया जाएगा।
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा, “हम दागदार छवि वाले नेताओं को पार्टी में शामिल कर भाजपा को तृणमूल की बी-टीम नहीं बनाना चाहते। हम उन लोगों को अपनी पार्टी में शामिल नहीं करना चाहते जिन पर आरोप लगे हैं या वह अनैतिक या अवैध गतिविधियों में लिप्त हैं।”
उन्होंने कहा, “इसलिए आगे से समूह में नेताओं को शामिल नहीं किया जाएगा। आगे से जांच करने के बाद केवल चुनिंदा लोगों को ही शामिल किया जाएगा।”
भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि पार्टी की पश्चिम बंगाल इकाई में रोष बढ़ने के बाद यह निर्णय लिया गया।
उन्होंने कहा, “समूह में पार्टी में शामिल होने के बहुत से मामलों को लेकर जिले का नेतृत्व खुश नहीं है। इससे पार्टी के भीतर घमासान बढ़ गया है और मामला केंद्रीय नेतृत्व तक पहुंच गया है।”
उन्होंने कहा कि भाजपा अन्य दलों के उन नेताओं के लिए नियम बनाने की व्यवस्था कर रही है जो पार्टी में शामिल होना चाहते हैं।
उन्होंने कहा, “हालांकि पार्टी में शामिल होने को लेकर अंतिम निर्णय केंद्रीय और प्रदेश नेतृत्व ही करेगा, लेकिन जो शामिल होना चाहते हैं उन्हें पार्टी के स्थानीय या जिला नेतृत्व से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेकर आना होगा।”
पिछले कुछ सालों में भ्रष्टाचार के आरोपी कई तृणमूल नेताओं ने भाजपा का दामन थामा है।
भाजपा के निर्णय पर प्रतिक्रिया देते हुए तृणमूल कांग्रेस ने कहा कि भाजपा का फैसला यह दिखाता है कि वह भ्रमित है।
तृणमूल के प्रवक्ता सौगत रॉय ने कहा, “बंगाल में भाजपा के पास न नेता हैं, न चेहरा है। इसीलिए वह दूसरे दलों से नेता लेकर आ रहे थे।”
उन्होंने कहा, “इससे पार्टी के भीतर घमासान शुरू हो गया है इसलिए उनके पास दरवाजे बंद करने के अलावा कोई रास्ता नहीं है। चुनाव से पहले वह भ्रमित हो गए हैं।”
पश्चिम बंगाल विधानसभा की 294 सदस्यीय सीटों के लिए अप्रैल-मई में चुनाव हो सकते हैं।
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