देश की खबरें | भाजपा कृषि कानूनों के जरिए किसानों के अधिकारों को कॉर्पोरेट घरानों को बेच रही: तृणमूल कांग्रेस

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. तृणमूल कांग्रेस ने नए कृषि कानूनों को 'क्रूर' बताते हुए शुक्रवार को आरोप लगाया कि संबंधित पक्षों से मशविरा किए बिना इन्हें पारित किया गया और भाजपा किसानों के अधिकारों को कॉर्पोरेट घरानों को बेच रही है।

एनडीआरएफ/प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: ANI)

कोलकाता, चार दिसंबर तृणमूल कांग्रेस ने नए कृषि कानूनों को 'क्रूर' बताते हुए शुक्रवार को आरोप लगाया कि संबंधित पक्षों से मशविरा किए बिना इन्हें पारित किया गया और भाजपा किसानों के अधिकारों को कॉर्पोरेट घरानों को बेच रही है।

पार्टी सूत्रों ने बताया कि तृणमूल कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल जल्द ही हरियाणा में प्रदर्शन कर रहे किसानों से मुलाकात करेगा।

यह भी पढ़े | लखनऊ के एसजीपीजीआईएमएस ने 1 दिन में किया कोविड का रिकॉर्ड टेस्ट.

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सिंगूर में ‘बलपूर्वक’ भूमि अधिग्रहण के खिलाफ 2006 में 26 दिनों की अपनी भूख हड़ताल का हवाला देते हुए नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनरत किसानों को अपना समर्थन दिया।

ममता ने एक ट्वीट कर कहा कि कृषि भूमि के जबरन अधिग्रहण के खिलाफ 14 साल पहले उन्होंने चार दिसंबर 2006 को कोलकाता में अपनी भूख हड़ताल शुरू की थी जो 26 दिनों तक चली थी।

यह भी पढ़े | केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के नोटिस पर एक्शन ले दिल्ली सरकार: प्रकाश जावडेकर.

तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी उस समय वाम मोर्चा नीत राज्य में विपक्ष की नेता थीं।

बनर्जी ने बृहस्पतिवार को धमकी दी थी कि अगर नए ‘किसान विरोधी’ कानून वापस नहीं लिए जाते हैं तो देशव्यापी आंदोलन शुरू किया जाएगा। वहीं तृणमूल कांग्रेस की वरिष्ठ सांसद काकोली घोष दस्तीदार ने आरोप लगाया कि नए कृषि कानून ‘असंवैधानिक’ हैं और यह कॉर्पोरेट घरानों की मदद के लिए पारित किये गए हैं।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)

Share Now

\