देश की खबरें | भाजपा ने उत्तराखंड की जनता का अपमान किया, राजनीतिक अस्थिरता के लिए मोदी और नड्डा जिम्मेदार: कांग्रेस

नयी दिल्ली, तीन जुलाई कांग्रेस ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पद से तीरथ सिंह रावत के इस्तीफे के बाद शनिवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर ‘सत्ता की बंदरबांट’ करने और “खिलौनों की तरह मुख्यमंत्री बदलने” का आरोप लगाया और यह दावा किया कि इस राजनीतिक अस्थिरता के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा जिम्मेदार हैं।

पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यह भी कहा कि अब उत्तराखंड की जनता चुनाव का इंतजार कर रही है ताकि वह स्थिर और प्रगतिशील सरकार के लिए कांग्रेस को मौका दे सके।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने आरोप लगाया कि भाजपा ने उत्तराखंड की जनता का अपमान किया है और राज्य को राजनीतिक अस्थिरिता में झोंक दिया है।

सुरजेवाला ने संवाददाताओं से बातचीत में दावा किया, ‘‘राज्य के लोगों ने पूर्ण बहुमत देकर भाजपा को सरकार बनाने का मौका दिया, लेकिन भाजपा ने सिर्फ सत्ता की मलाई बांटने और सत्ता की बंदरबाट करने का काम किया। भाजपा के लिए यह अवसर सत्ता की मलाई चखने का अवसर बन गया।’’

उन्होंने दिल्ली, कर्नाटक और मध्य प्रदेश में अतीत की भाजपा सरकारों में कई मुख्यमंत्रियों को बदले जाने का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘भाजपा का एक ही कार्यकाल में मुख्यमंत्री बदलने का इतिहास है। भाजपा खिलौनों की तरह मुख्यमंत्री बदलती है। यही उत्तराखंड में हो रहा है।’’

सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि इस स्थिति के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जेपी नड्डा जिम्मेदार हैं।

उन्होंने भाजपा पर तंज कसते हुए कहा, ‘‘भाजपा ने उत्तराखंड में पहले भी तीन-तीन मुख्यमंत्री बदले थे और इस बार भी तीसरा मुख्यमंत्री बनाने की तैयारी में है। हम तो कहेंगे कि अगले छह महीनों में दो-तीन और बदल दीजिए ताकि देश में सबसे ज्यादा मुख्यमंत्री बदलने का रिकॉर्ड बन जाए।’’

रावत ने कहा, ‘‘भाजपा का हाईड्रामा उत्तराखंड की जनता का अपमान है। यह 2017 में सत्ता में आए थे। प्रधानमंत्री जी ने डबल इंजन की सरकार देने का वादा किया था। लेकिन उत्तराखंड के हिस्से दो पूर्व मुख्यमंत्री जुड़ गए और आज एक नेता और पूर्व मुख्यमंत्री होने के लिए चयनित होगा।’’

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘भाजपा ने न तो उत्ताराखंड की किसी समस्या का समाधान नहीं है। आज उत्तराखंड से पलायन नहीं रुका, राज्य में सबसे अधिक बेरोजगारी है। विकास पूरी तरह ठप्प है।’’

हरीश रावत के मुताबिक, बुखार होने की वजह से वह संवाददाता सम्मेलन में नहीं पहुंच सके, इसलिए उन्होंने टेलीफोन के माध्यम से पत्रकारों से बातचीत की।

कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव ने आरोप लगाया, ‘‘यह भाजपा नेतृत्व की लापरवाही और नासमझी है। एक ऐसे मुख्यमंत्री को उत्तराखंड पर थोपा गया कि जो विधानसभा का सदस्य नहीं है। भाजपा ने खुशहाल देवभूमि को बदहाल करने के लिए यह सब किया है।’’

गौरतलब है कि उत्तराखंड में पैदा हुए संवैधानिक संकट के बीच मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने चार माह से भी कम समय तक पद पर रहने के बाद शुक्रवार देर रात राज्यपाल बेबी रानी मौर्य को अपना इस्तीफा सौंप दिया ।

राजभवन पहुंचकर अपना इस्तीफा देने के बाद मुख्यमंत्री रावत ने संवाददाताओं को बताया कि उनका इस्तीफा देने की मुख्य वजह संवैधानिक संकट था जिसमें निर्वाचन आयोग के लिए उपचुनाव कराना मुश्किल था।

उन्होंने कहा, ‘‘संवैधानिक संकट की परिस्थितियों को देखते हुए मैंने अपना इस्तीफा देना उचित समझा।’’

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