देश की खबरें | बीरभूम हिंसा : ममता ने कहा, पुलिस बल को बदनाम न किया जाए

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में हिंसा की हालिया घटना को रोकने में कथित लापरवाही को लेकर गम्भीर आलोचनाओं का सामना कर रही प्रदेश पुलिस का मजबूती से बचाव करते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रविवार को कहा कि एक या दो व्यक्तियों की गलती के लिए पूरी पुलिस बिरादरी के अच्छे कार्यों को नकारा नहीं जा सकता।

सिलीगुड़ी (पश्चिम बंगाल), 27 मार्च पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में हिंसा की हालिया घटना को रोकने में कथित लापरवाही को लेकर गम्भीर आलोचनाओं का सामना कर रही प्रदेश पुलिस का मजबूती से बचाव करते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रविवार को कहा कि एक या दो व्यक्तियों की गलती के लिए पूरी पुलिस बिरादरी के अच्छे कार्यों को नकारा नहीं जा सकता।

राज्य के गृह (पुलिस) विभाग का प्रभार संभालने वाली ममता बनर्जी ने कहा कि एक स्थानीय तृणमूल कांग्रेस नेता की हत्या के बाद बोगतुई गांव में हुई आगजनी और हिंसा को रोकने के लिए कथित तौर पर समय पर कदम न उठाने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की गयी है। इस हिंसा और आगजनी में आठ लोगों की मौत हो गयी थी।

गत 21 मार्च की घटना के मद्देनजर रामपुरहाट पुलिस थाने के प्रभारी को निलंबित कर दिया गया है, जबकि सब डिविजन के एसडीपीओ को ‘अनिवार्य प्रतीक्षा’ सूची में डाल दिया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘राज्य की पुलिस पूरे साल लोगों की मदद करती है, चाहे वह कानून-व्यवस्था की स्थिति में हो, या कोविड-19 रोगियों की सहायता उपलब्ध कराने में। एक या दो कर्मी की गलती के लिए पूरी पुलिस को बदनाम करना सही नहीं है।’’

बनर्जी ने स्वीकार किया कि पुलिस ने शुरू में गलती की। उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मियों को टीएमसी नेता की हत्या के प्रतिशोध में किसी घटना के घटित होने का अंदेशा होना चाहिए था।

उन्होंने कहा, ‘‘शुरू में गलती हुई है, लेकिन हमने कार्रवाई की है। हमने ओसी और एसडीपीओ को हटा दिया है और टीएमसी के ब्लॉक अध्यक्ष (अनारुल हुसैन) सहित 22 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।’’ उन्होंने आगे कहा कि गिरफ्तार किये गये सभी आरोपी टीएमसी के समर्थक हैं।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) ने जांच के दौरान बढ़िया कार्य किया था, लेकिन बाद में कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश के मद्देनजर इसकी जांच सीबीआई को सौंप दी गयी।

पश्चिम बंगाल को सर्वाधिक शांत राज्य करार देते हुए बनर्जी ने कहा कि एक घटना पर बहुत ज्यादा शोर मचाया गया और ऐसा यह प्रदर्शित करने के लिए किया जा रहा है कि ममता बनर्जी की सरकार ‘‘बहुत खराब’’ है।

उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा जान-बूझकर किया जा रहा है, चूंकि वे जानते हैं कि केवल ममता बनर्जी ही भाजपा से लड़ सकती है, बाकी कोई नहीं।’’

टीएमसी प्रमुख ने कहा कि उनकी पार्टी ने कभी भी लोगों की मौत का राजनीतिकरण नहीं किया या विपक्ष में रहने के दौरान इस तरह की घटना में ‘आग में घी’ डालने का काम नहीं किया है।

उन्होंने कहा कि विपक्ष का मुख्य उद्देश्य पश्चिम बंगाल में औद्योगिकीकरण और रोजगार के अवसर सृजित करने से सरकार को रोकना है।

विपक्ष पर कुछ लोगों की गलती के लिए पूरे पुलिस बल को बदनाम करने का आरोप लगाते हुए बनर्जी ने पूछा कि अगर वे नहीं होंगे तो क्या होगा। उन्होंने पूछा, ‘‘अगर कल यह होता है कि सड़क पर एक भी पुलिसकर्मी न हो या पुलिस थानों में न हो और रात में जब हम सोते हैं तो हमारी रक्षा नहीं करें तो दिल्ली से पुलिस ये जिम्मा उठाने आएगी?’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैं चुनौती देती हूं कि दुनिया में कहीं भी इतने सामाजिक कल्याण कार्यक्रम नहीं हैं जितने बंगाल में हैं।’’

विपक्षी दल माकपा, कांग्रेस और भाजपा को घटना का राजनीतिकरण करने के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए मुख्यमंत्री ने दावा किया कि जब केरल, बिहार या कश्मीर जैसे राज्यों से बंगाल के लोगों के शव आते हैं तो कोई सवाल नहीं किया जाता।

हिंसा की किसी भी संभावित घटना के बारे में प्राधिकारियों को सूचना देने वाले लोगों को इनाम देने की घोषणा करते हुए उन्होंने आगाह किया कि ऐसी सूचना पर कदम न उठाने वाले पुलिस थाने के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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