तेंगनौपाल में म्यांमा के 24 नागरिकों के बायोमीट्रिक ब्यौरे जुटाए गए: मणिपुर के CM एन. बिरेन सिंह
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बिरेन सिंह ने कहा कि पड़ोसी देश से आए अवैध प्रवासियों को चिन्हित करने की प्रक्रिया के तहत तेंगनौपाल जिले में 16 महिलाओं सहित म्यांमा के 24 लोगों के ‘बायोमीट्रिक’ विवरण एकत्र किए गए हैं।
इंफाल, 18 जुलाई : मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बिरेन सिंह ने कहा कि पड़ोसी देश से आए अवैध प्रवासियों को चिन्हित करने की प्रक्रिया के तहत तेंगनौपाल जिले में 16 महिलाओं सहित म्यांमा के 24 लोगों के ‘बायोमीट्रिक’ विवरण एकत्र किए गए हैं. उन्होंने बताया कि राज्य पुलिस ने असम राइफल्स के जवानों और अधिकारियों की एक टीम के साथ मिलकर बुधवार को गोवाजांग गांव में रह रहे म्यांमा के इन नागरिकों के ‘बायोमीट्रिक’ विवरण एकत्र किए. सिंह ने फेसबुक पर पोस्ट किया, ‘‘मोरेह के एसडीओ मोहम्मद एजाज, मोरेह पुलिस थाने के कर्मियों की एक टीम ने तेंगनौपाल की संयुक्त बायोमेट्रिक टीम के साथ मिलकर गोवाजांग गांव में घरों में पुन: सत्यापन के उद्देश्य से तलाशी ली.’’
उन्होंने कहा, ‘‘अभियान के दौरान म्यांमा मूल के आठ पुरुष और 16 महिलाओं सहित कुल 24 लोगों की पहचान की गई. टीम ने उनके बायोमेट्रिक विवरण भी लिए.’’ एक अधिकारी ने बताया कि राज्य सरकार ने पूर्व में पहचान की प्रक्रिया शुरू कर दी थी, लेकिन पिछले साल मई में हिंसा भड़कने के बाद इसे रोक दिया गया था. उन्होंने बताया कि प्रशासन ने पिछले साल जुलाई में यह प्रक्रिया फिर से शुरू की थी. यह भी पढ़ें : हिंद महासागर की गहराई में दुर्लभ खनिजों और धातुओं की खोज करेगा जीआरएसई का जहाज : अधिकारी
मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया पर कहा, ‘‘मोरेह और आसपास के इलाकों में आगे भी बायोमेट्रिक अभियान जारी रहेगा.’’ मणिपुर की म्यांमा के साथ 398 किलोमीटर लंबी सीमा है, जिसमें से केवल 10 किलोमीटर पर ही बाड़ लगाई गई है. एक अन्य अधिकारी ने बताया कि सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) को अंतरराष्ट्रीय सीमा के ज्यादातर हिस्से पर बाड़ लगाने की जिम्मेदारी दी गई है और काम चल रहा है. चिन समुदाय के लोग म्यांमा में रहते हैं और उनके मणिपुर के कुकी लोगों के साथ जातीय संबंध हैं.