Bilkis Bano Case: दोषियों की रिहाई के बाद सुरक्षा कारणों से कई लोगों ने गांव छोड़ा

Bilkis Bano Case:  गुजरात के दाहोद जिले के रंधिकपुर गांव के एक निवासी ने मंगलवार को दावा किया कि 2002 के दंगों के दौरान बिल्कीस बानो के साथ बलात्कार और उनके परिवार के सात सदस्यों की हत्या के जुर्म में उम्र कैद की सज़ा पाए 11 दोषियों की रिहाई के बाद सुरक्षा चिंताओं के चलते कई मुसलमान गांव छोड़कर चले गए हैं। वह घटना इसी गांव में हुई थी. पुलिस ने रंधिकपुर में सुरक्षा बढ़ा दी है क्योंकि जेल से रिहा हुए लोग पड़ोस के गांव से हैं, लेकिन उन्होंने ग्रामीणों के पलायन से इनकार किया। हालांकि पुलिस ने माना है कि कुछ लोग गांव छोड़कर चले गए हैं.

बिल्कीस बानो मामले में 15 साल जेल की सजा काटने के बाद गुजरात सरकार की माफी नीति के तहत 11 दोषियों को 15 अगस्त को रिहा कर दिया गया था. रंधिकपुर निवासी शाहरुख शेख ने कहा कि 70 मुस्लिम परिवार डर के साये में जी रहे हैं, जबकि कई अन्य लोग बाहर चले गए हैं और वे अन्य क्षेत्रों में अपने रिश्तेदारों और शुभचिंतकों के साथ रहने लगे हैं. यह भी पढ़े: Bilkis Bano Case: 'बिल्कीस बानो रेप केस के 11 दोषियों की रिहाई रद्द हो', मुस्लिम विधायकों ने राष्ट्रपति से की ये मांग

दिहाड़ी मजदूरी करने वाले शेख ने कहा, ‘‘ हम डरे हुए हैं. दोषियों की ओर से रिहाई के बाद उनकी ओर से हिंसा के डर के कारण कई लोग गांव छोड़ चुके हैं. हमने जिलाधिकारी से अपील की है कि दोषियों को सलाखों के पीछे डाला जाए और ग्रामीणों को सुरक्षा प्रदान की जाए. दाहोद के जिलाधिकारी को सोमवार को सौंपे ज्ञापन में ग्रामीणों ने डर की बात कहते हुए कहा कि रंधिकपुर गांव के कई निवासी गांव छोड़कर जा रहे हैं.

ग्रामीणों ने कहा कि वे इसलिए जा रहे हैं क्योंकि उन्हें अपनी सुरक्षा का डर है, खासकर महिलाओं की सुरक्षा को लेकर उन्हें चिंता है. ज्ञापन में कहा गया है कि जब तक 11 दोषियों की गिरफ्तारी नहीं हो जाती, वे वापस नहीं लौटेंगे. पुलिस ने कहा कि दोषी रंधिकपुर के पास एक गांव के रहने वाले हैं और वे इलाके में मौजूद नहीं हैं, लेकिन उन्होंने माना कि कुछ ग्रामीण गांव छोड़कर चले गए हैं.

पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) आर. बी. देवधा ने कहा, “ हमने स्थानीय लोगों से बात करने के बाद निश्चित स्थानों पर पुलिस कर्मियों को तैनात किया है और गश्त बढ़ा दी है.

उन्होंने कहा कि कुछ ग्रामीण अपना घर छोड़कर दूसरे शहरों में अपने रिश्तेदारों के साथ रहने चले गए हैं. डीएसपी ने कहा कि पुलिस रंधिकपुर में लोगों के संपर्क में है और उनकी चिंताओं को दूर कर रही है. दाहोद के पुलिस अधीक्षक बलराम मीणा ने कहा कि 11 दोषी रंधिकपुर के पास सिंगवड़ गांव के मूल निवासी हैं, लेकिन वे इलाके में मौजूद नहीं हैं.

सांप्रदायिक दंगों के बीच, रंधिकपुर गांव में तीन मार्च 2002 को बिल्कीस बानो के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया था और उनके परिवार के सात सदस्यों की हत्या कर दी गई थी. मीणा ने कहा, “ दोषियों को 15 अगस्त को रिहा किया गया था. आज 23 अगस्त है. अगर कोई पलायन होता तो हमें पता होता। साथ ही रिहा किए गए दोषी खुद इलाके में मौजूद नहीं हैं. वे चले गए हैं। हमें स्थानीय लोगों के डरने और भागने का कोई कारण नहीं दिखता है.

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