देश की खबरें | बिहार : मंत्रिमंडल ने ‘मुखिया’ के मानदेय को दोगुना किया
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. बिहार मंत्रिमंडल ने सोमवार को राज्य में पंचायत प्रतिनिधियों और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को दिए जाने वाले मासिक मानदेय में वृद्धि करने की मंजूरी दी।
पटना, आठ जनवरी बिहार मंत्रिमंडल ने सोमवार को राज्य में पंचायत प्रतिनिधियों और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को दिए जाने वाले मासिक मानदेय में वृद्धि करने की मंजूरी दी।
मंत्रिमंडल ने राज्य में खेल को बढ़ावा देने और पदक जीतने के प्रयासों के तहत खिलाड़ियों का सहयोग करने के लिए एक अलग खेल विभाग बनाने और राज्य में आईटी क्षेत्र को निवेशकों के लिए अधिक आकर्षक बनाने के लिए एक नयी सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) नीति -2024 को भी मंजूरी दे दी।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की हुई बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए मंत्रिमंडल सचिवालय के अपर मुख्य सचिव (एसीएस) एस सिद्धार्थ ने कहा, ‘‘मंत्रिमंडल ने पंचायत प्रतिनिधियों और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं (सेविकाओं और सहायिकाओं) को दिए जाने वाले मासिक मानदेय में वृद्धि को मंजूरी दे दी है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अब ग्राम पंचायतों के मुखिया और उप मुखिया को क्रमशः 5000 रुपये (मौजूदा 2500 रुपये प्रति माह) और 2500 (मौजूदा 1200 रुपये प्रति माह) का मासिक मानदेय मिलेगा। इसी तरह सरपंच और उप सरपंच को अब क्रमशः 5000 रुपये (मौजूदा 2,500 रुपये प्रति माह) और 2,500 रुपये (मौजूदा 1200 रुपये प्रति माह) मिलेंगे। इसलिए इन पंचायत प्रतिनिधियों के मानदेय में 100 फीसदी की बढ़ोतरी की गयी है। इसके अलावा वार्ड सदस्यों का मासिक मानदेय भी 500 से बढ़ाकर 800 कर दिया गया है।”
एसीएस ने कहा कि इससे राज्य कोष पर सालाना 339 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।
बिहार सरकार के इस निर्णय का लाभ करीब 2.50 लाख से अधिक पंचायत प्रतिनिधियों को होगा। मंत्रिमंडल ने राज्य में लगभग 2.30 लाख आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं (सेविकाओं और सहायिकाओं) को दिए जाने वाले मासिक मासिक मानदेय में भी बढ़ोतरी को मंजूरी दी है।
एसीएस ने कहा कि अब आंगनवाड़ी सेविकाओं को 7000 रुपये मासिक मानदेय (मौजूदा 5,950 रुपये प्रति माह) और सहायिकाओं को 4000 रुपये प्रति माह (मौजूदा 2975 रुपये प्रति माह) का मानदेय मिलेगा।इससे राज्य के खजाने पर 286 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल ने राज्य के खेल को बढ़ावा देने और पदक जीतने के प्रयासों के तहत एक अलग ‘खेल विभाग’ के गठन को भी मंजूरी दे दी है। अब तक खेल इकाई राज्य सरकार के कला, संस्कृति और युवा मामले विभाग का हिस्सा था।
सिद्धार्थ ने कहा कि अब प्रदेश में प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने और उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए अलग से खेल विभाग बनाया गया है। राज्य के सभी खेल विश्वविद्यालय इस विभाग के तहत कार्य करेंगे।
इसके अलावा, मंत्रिमंडल ने राज्य में आईटी क्षेत्र को निवेशकों के लिए अधिक आकर्षक बनाने के लिए नयी सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) नीति-2024 को भी मंजूरी दे दे दी है।
सिद्धार्थ ने कहा, ‘‘बिहार को देश के अगले आईटी केंद्र और आईटी निवेश गंतव्य के रूप में विकसित करने के उद्देश्य से मंत्रिमंडल ने नयी आईटी नीति को मंजूरी दी है।’’
अनवर
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