देश की खबरें | बंगाल : पुलिस ने टीईटी अभ्यर्थियों से धरनास्थल से जाने की अपील की, प्रदर्शनकारियों का इनकार

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. पश्चिम बंगाल में शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) 2014 में उत्तीर्ण, लेकिन मेधा (मेरिट) सूची में शामिल नहीं होने वाले अभ्यर्थियों को बृहस्पतिवार रात को पुलिस ने धरना स्थल से यह कहकर हटाने की कोशिश कि इस क्षेत्र में आपराधिक दंड संहिता (सीआरपीसी) की धारा-144 लागू है।

कोलकाता, 20 अक्टूबर पश्चिम बंगाल में शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) 2014 में उत्तीर्ण, लेकिन मेधा (मेरिट) सूची में शामिल नहीं होने वाले अभ्यर्थियों को बृहस्पतिवार रात को पुलिस ने धरना स्थल से यह कहकर हटाने की कोशिश कि इस क्षेत्र में आपराधिक दंड संहिता (सीआरपीसी) की धारा-144 लागू है।

बहरहाल, प्रदर्शनकारियों ने जगह खाली करने की पुलिस की अपीलों को नजरअंदाज कर दिया और करीब 100 मीटर दूर जाकर बैठ गए। वे पांच-पांच लोगों के समूह में बैठ गए, ताकि निषेधाज्ञा का उल्लंघन न हो।

प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वे सरकारी या सरकार द्वारा सहायता प्राप्त प्राथमिक स्कूलों में नियुक्ति मिले बिना धरना स्थल से नहीं हटेंगे।

हालांकि, पुलिस ने अभी प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए बल प्रयोग नहीं किया है।

टीईटी अभ्यर्थियों का अनिश्चितकालीन धरना बृहस्पतिवार को चौथे दिन में प्रवेश कर गया। ये अभ्यर्थी तत्काल भर्ती की मांग कर रहे हैं। चौथे दिन बृहस्पतिवार को प्रदर्शनकारियों की संख्या और बढ़ गई।

गौरतलब है कि अभी तक 2014 टीईटी के 500 अभ्यर्थी धरना दे रहे थे, लेकिन आज 2017 शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) के करीब 100 अभ्यर्थी उनके साथ जुड़ गए। इन अभ्यर्थियों का भी दावा है कि उन्होंने परीक्षा पास की थी, बावजूद इसके दो चरणों के साक्षात्कार के बाद बने पैनल में उनका नाम शामिल नहीं किया गया।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार बृहस्पतिवार को धरना स्थल पर पहुंचे और अभ्यर्थियों के साथ एकजुटता प्रदर्शित की।

गौरतलब है कि प्रदर्शनकारियों ने धरना वापस लेने और नए सिरे से साक्षात्कार देने का पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु और पश्चिम बंगाल प्राथमिकी शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष गौतम पाल का अनुरोध ठुकरा दिया है।

यह प्रदर्शन कोलकाता में बोर्ड कार्यालय के पास चल रहा है।

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