कोविड-19 के प्रति शहर वालों से ज्यादा गांव वाले जागरूक: शिवराज सिंह चौहान

उन्होंने कहा कि हमने उनके लिए नाश्ते—पानी एवं भोजन के साथ—साथ बसों एवं ट्रेनों की व्यवस्था की और कहीं—कहीं पर उनको पहनने के लिए जूते—चप्पल भी दिए हैं।

जियो

वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से 'सबको मिलेगा रोजगार'' के तहत मनरेगा जॉब कार्ड वितरण अभियान का शुभारंभ करते हुए चौहान ने प्रदेश के सरपंचों से कहा, ''कोरोना वायरस की लड़ाई एक दिन में खत्म नहीं हो सकती और हमने युद्ध स्तर पर व्यवस्था की और फैसला किया कि लॉकडाउन के दौरान कोई भी मजूदर पैदल अपने घर न जाए। ''

उन्होंने कहा कि हमने उनके लिए नाश्ते—पानी एवं भोजन के साथ—साथ बसों एवं ट्रेनों की व्यवस्था की और कहीं—कहीं पर उनको पहनने के लिए जूते—चप्पल भी दिए हैं।

चौहान ने बताया, ''सरपंच, पंच एवं समाजसेवी सब अपने—अपने काम से इन मजदूरों की सेवा करते रहे ।''

उन्होंने कहा, ''मैंने शहरों से ज्यादा जागरूकता गांवों में देखी। उन्होंने अपने—अपने गांव सील कर दिये। अपने—अपने गांवों को घेर लिया, ताकि कोरोना वायरस का संक्रमण, प्रवासी मजदूरों से गांव में नहीं फैले।''

चौहान ने बताया, ''इसलिए गांवों में कोरोना वायरस नहीं फैला। शहरों में ही ज्यादा फैला।''

उन्होंने कहा कि इसके लिए मैं सरपंच, पंच एवं ग्रामीणों को धन्यवाद देता हूं।

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