Atiq-Ashraf Murder: अतीक और अशरफ के शवों के पोस्टमार्टम के लिए प्रशासन के निर्देश का इंतजार

अतीक ने सुरक्षा के लिए उच्चतम न्यायालय का रुख किया था. उसने अपनी याचिका में दावा किया था कि उसे और उसके परिवार को उमेश पाल हत्याकांड में झूठा फंसाया गया है. अतीक ने आशंका जताई थी कि उत्तर प्रदेश पुलिस उसे फर्जी मुठभेड़ में मार सकती है.

अतीक अहमद व अशरफ अहमद (Photo Credits ANI)

प्रयागराज/लखनऊ, 16 अप्रैल गैंगस्टर से नेता बने अतीक अहमद (60) और उसके भाई अशरफ के शवों का पोस्टमार्टम शुरू करने के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) कार्यालय प्रशासन के निर्देशों का इंतजार कर रहा है. एक अधिकारी ने रविवार को नाम न छापने के अनुरोध पर यह जानकारी दी. यह भी पढ़ें: अतीक-अशरफ की हत्या में शामिल सन्नी सिंह कैसे बना अपराधी, जानें उसके भाई पिंटू ने क्या कहा

उन्होंने कहा, “हम पोस्टमार्टम के लिए प्रशासन के निर्देशों का इंतजार कर रहे हैं. फिलहाल उनके शव को मुर्दाघर में रखा गया है। शव शनिवार रात ही यहां स्थानांतरित कर दिए गए थे.”

अतीक (60) और उसके भाई अशरफ की शनिवार रात अज्ञात हमलावरों ने उस समय गोली मारकर हत्या कर दी थी, जब पुलिस दोनों को चिकित्सा जांच के लिए मेडिकल कॉलेज ले जा रही थी.

इस दोहरे हत्या का एक वीडियो सार्वजनिक हुआ है, जिसमें तीन हमलावर दोनों भाइयों को गोली मारते नजर आ रहे हैं और गोली लगते ही दोनों जमीन पर गिर जाते हैं. गोलियों से छलनी दोनों के शवों को घटनास्थल से ले जाया गया। इस सनसनीखेज हत्या के बाद इलाके में तनाव है.

पुलिस आयुक्त रमित शर्मा ने शनिवार देर रात बताया, ‘‘अभी यह प्राथमिक जानकारी है. दोनों (अतीक-अशरफ) को आवश्यक चिकित्सकीय जांच के लिए यहां लाया गया था। मीडियाकर्मी ‘बाइट’ ले रहे थे। प्राथमिक जानकारी के अनुसार, तीन लोग मीडियाकर्मी बनकर आए और उन्होंने बाइट लेने का प्रयास किया। इसी दौरान उन्होंने गोलीबारी कर दी.’’

आयुक्‍त ने कहा, ‘‘अतीक और अशरफ की हमले में मौत हो गई। इसके अलावा, लखनऊ के एक पत्रकार को चोट आई है। वहीं, हमारे एक आरक्षी मान सिंह को गोली लगी है.’’

शर्मा ने बताया, ‘‘मामले में तीन लोगों को पकड़ा गया है और उनसे पूछताछ की जा रही है.’’ उन्होंने कहा कि पकड़े गए लोगों के पास से हथियार बरामद हुए हैं और उनसे विस्तृत पूछताछ की जा रही है.

उत्तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने घटना की उच्‍च स्‍तरीय जांच का आदेश देते हुए तीन सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग के गठन के निर्देश दिए हैं. वहीं, घटना के बाद उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा-144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है.

अहमद और उसके भाई अशरफ को 2005 के उमेश पाल हत्याकांड के सिलसिले में सुनवाई के लिए प्रयागराज लाया गया था.

झांसी में 13 अप्रैल को अहमद का बेटा असद और उसका एक साथी पुलिस मुठभेड़ में मारे गए थे. असद का शव शनिवार सुबह प्रयागराज में कसारी मसारी कब्रिस्तान में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच दफनाया गया, जबकि उसके साथी गुलाम का शव शिवकुटी स्थित कब्रिस्तान में दफन किया गया.

संयोग से, उस वक्त उत्तर प्रदेश पुलिस कब्रिस्तान से लगभग तीन किलोमीटर दूर धूमनगंज पुलिस थाने में अहमद और अशरफ से पूछताछ कर रही थी.

पत्रकारों द्वारा असद की मौत पर टिप्पणी करने के लिए कहे जाने पर उसके चाचा अशरफ ने कहा, ‘‘जो अल्लाह का था, उसे उन्होंने अपने पास बुला लिया.’’

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के विधायक राजू पाल की हत्या मामले के मुख्य गवाह उमेश पाल और उसके दो पुलिस सुरक्षा गार्ड की 24 फरवरी को प्रयागराज के धूमनगंज इलाके में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.

उमेश पाल की पत्नी जया पाल द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर 25 फरवरी को अतीक, अशरफ, अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन, असद सहित दो बेटों, शूटर गुड्डू मुस्लिम और गुलाम तथा नौ अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था.

उत्तर प्रदेश पुलिस की एक टीम 2006 के उमेश पाल अपहरण मामले में अतीक और अशरफ को एक अदालत में पेश करने के लिए गुजरात के अहमदाबाद में उच्च सुरक्षा वाली साबरमती केंद्रीय जेल से 26 मार्च को प्रयागराज ले आई थी. अदालत ने 28 मार्च को अपहरण मामले में अतीक और दो अन्य को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी.

पुलिस ने कहा कि अतीक पर उमेश पाल हत्याकांड सहित 100 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज थे.

अतीक ने सुरक्षा के लिए उच्चतम न्यायालय का रुख किया था. उसने अपनी याचिका में दावा किया था कि उसे और उसके परिवार को उमेश पाल हत्याकांड में झूठा फंसाया गया है. अतीक ने आशंका जताई थी कि उत्तर प्रदेश पुलिस उसे फर्जी मुठभेड़ में मार सकती है.

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