गुवाहाटी, 13 फरवरी कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर पिता-पुत्र संबंधी अपनी विवादास्पद टिप्पणी पर व्यापक आलोचना के बावजूद, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने रविवार को अपनी टिप्पणियों का बचाव किया और कहा कि सेना के जवानों से सवाल करना ‘‘अब और बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।’’
सरमा ने कई ट्वीट कर 2016 में की गई ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ और जनरल बिपिन रावत की सेना प्रमुख और बाद में प्रमुख रक्षा अध्यक्ष के रूप में नियुक्ति पर कांग्रेस के बयानों की खबरों के कई ‘स्क्रीनशॉट’ पोस्ट किए।
उन्होंने कहा, ‘‘क्या हमारे महान सशस्त्र बलों के साथ खड़ा होना गलत है? आइए उनकी देशभक्ति पर सवाल न उठाएं।’’ उन्होंने माइक्रोब्लॉगिंग साइट पर लिखा, ‘‘देश के लिए जो किया, उसका सबूत मत मांगो।’’
उन्होंने लिखा, ‘‘भारत सिर्फ राज्यों का संघ नहीं है। भारत सिर्फ मातृभूमि नहीं हमारी मां है। जवानों से सवाल करना हमारी मां का अपमान है!’’
सरमा ने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस ने जनरल बिपिन रावत को अपशब्द कहने और उन पर आरोप लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
उन्होंने कहा, ‘‘जिस दिन से वह सेना प्रमुख बने, उन्होंने उनकी क्षमताओं पर सवाल उठाया । लेकिन जब मैं उनसे हमारे बहादुर सैनिकों का अपमान करने के लिए सवाल करता हूं तो वे नाराज हो जाते हैं। यह नया भारत है। इस तरह का रवैया अब और बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।"
जनरल रावत की पिछले वर्ष दिसंबर में एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी।
उत्तराखंड में एक चुनावी रैली के दौरान 11 फरवरी को सरमा ने सितंबर 2016 की ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ का सबूत मांगने के लिए गांधी पर निशाना साधा था।
कई विपक्षी दलों ने सरमा के बयान की निंदा की थी।
तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने शनिवार को मांग की थी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को राहुल गांधी पर टिप्पणी के लिए सरमा को बर्खास्त करना चाहिए।
सरमा पर निशाना साधते हुए, कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा था कि असम के मुख्यमंत्री का बयान "भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की संस्कृति को दर्शाता है।’’
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