देश की खबरें | अशनीर ग्रोवर, उनकी पत्नी ने उच्च न्यायालय से भारतपे के साथ समझौते के बाद प्राथमिकी रद्द करने का आग्रह किया

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. दिल्ली उच्च न्यायालय को सोमवार को सूचित किया गया कि वित्तीय प्रौद्योगिकी कंपनी भारतपे, इसके पूर्व सह-संस्थापक अशनीर ग्रोवर और उनकी पत्नी माधुरी जैन ग्रोवर ने 81 करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी के मामले में अपने विवाद सुलझा लिए हैं।

नयी दिल्ली, सात अक्टूबर दिल्ली उच्च न्यायालय को सोमवार को सूचित किया गया कि वित्तीय प्रौद्योगिकी कंपनी भारतपे, इसके पूर्व सह-संस्थापक अशनीर ग्रोवर और उनकी पत्नी माधुरी जैन ग्रोवर ने 81 करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी के मामले में अपने विवाद सुलझा लिए हैं।

दोनों पक्षों ने न्यायमूर्ति चंद्र धारी सिंह से 30 सितंबर के समझौते के मद्देनजर ग्रोवर और उनके परिवार के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी रद्द करने का आग्रह किया।

अदालत ने हालांकि ग्रोवर और उनके परिवार का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील को समझौते की शर्तों के अनुपालन में हलफनामा दायर करने के लिए समय दिया और मामले की अगली सुनवाई की तिथि आठ अक्टूबर तय की।

अदालत ने राज्य अभियोजक को मामले में वस्तु-स्थिति पर रिपोर्ट दाखिल करने के लिए दो दिन का समय दिया।

ग्रोवर और उनके परिवार का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता मोहित माथुर ने दलील दी कि शिकायतकर्ता ‘रेजिलिएंट इनोवेशन प्राइवेट लिमिटेड’, जो भारतपे की स्वामी है और आरोपी व्यक्तियों अशनीर ग्रोवर, माधुरी जैन ग्रोवर, दीपक जगदीशराम गुप्ता, श्वेतांक जैन और सुरेश जैन के बीच सभी विवादों का निपटारा हो गया है।

वरिष्ठ अधिवक्ता विकास पाहवा ने ‘रेसिलिएंट इनोवेशन’ का प्रतिनिधित्व किया।

ग्रोवर, उनकी पत्नी और अन्य ने दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) द्वारा दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने का अनुरोध किया है। भारतीय दंड संहिता की धाराओं 406 (आपराधिक विश्वासघात), 420 (धोखाधड़ी और बेईमानी), 467 और 468 (जालसाजी), 471 (जाली दस्तावेजों को वास्तविक के रूप में इस्तेमाल करना) और 120 बी (आपराधिक साजिश) के तहत यह प्राथमिकी दर्ज की गई है।

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