पश्चिम बंगाल में 80 फीसदी  और असम में 72 फीसदी से ज्यादा पहले चरण में पड़े वोट
मतदान (Photo Credits: IANS)

नई दिल्ली: चुनाव आयोग (Election Commission) ने शनिवार को बताया कि पश्चिम बंगाल और असम विधानसभा चुनावों के लिए आज हुए पहले चरण के मतदान में शाम पांच बजे तक क्रमश: 79.79 और 72.14 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. पश्चिम बंगाल में 30 सीटों पर जबकि असम में 47 सीटों पर मतदान हुआ जिसके लिए कुल 21,825 मतदान केन्द्र बनाए गए थे. चुनाव के दौरान पश्चिम बंगाल में 10,288 ईवीएम (बैटल यूनिट और कंट्रोल यूनिट) और इतनी ही संख्या में वीवीपैट मशीनों का उपयोग हुआ.

वहीं असम में 11,537 ईवीएम और 37 वीवीपैट मशीनों का इस्तेमाल हुआ। एक ईवीएम में वीवीपैट पर एक कंट्रोल यूनिट और कम से कम एक बैटल यूनिट (जिसपर पार्टी के चुनाव चिन्ह का बटन होता है) लगता है. विस्तृत जानकारी दिए बगैर चुनाव आयोग ने कहा, ‘‘मतदान के दौरान मशीनों में गड़बड़ी का दर पिछले वर्षों के मुकाबले कम रहा. ई-विजिल ऐप के जरिए पश्चिम बंगाल से आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के कुल 167 मामले आए जिनमें से शाम साढ़े चार बजे तक 111 का निपटारा कर दिया गया था. ऐसे ही असम से 582 मामले आए जिनमें से 423 का निपटारा शाम साढ़े चार बजे तक हो गया था. चुनावी अधिसूचना जारी होने से लेकर शनिवार को पहले चरण का मतदान समाप्त होने तक इन राज्यों से रिकॉर्ड 281.28 करोड़ रुपये की जब्ती हुई है. यह भी पढ़े: असम और पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के पहले चरण में शाम 6 बजे तक 72.14% और 79.79% वोटिंग, मतदान खत्म

जब्ती में नकदी, शराब, मादक पदार्थ, तोहफे सब शामिल हैं. यह 2016 में हुई 60.91 करोड़ रुपये की जब्ती से चार गुना ज्यादा है. अभी तक असम में 97.31 करोड़ रुपये की जब्ती हुई है जबकि 2016 में राज्य में 16.58 करोड. रुपये की जब्ती हुई थी। वहीं पश्चिम बंगाल में कुल 183.97 करोड़ रुपये की जब्ती हुई है जबकि 2016 विधानसभा चुनाव में 44.33 करोड़ रुपये की जब्ती हुई थी.

चुनाव आयोग ने कहा कि वह स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है. पश्चिम बंगाल में पहले चरण में करीब 74 लाख मतदाता पंजीकृत थे जिनके लिए 10,288 मतदान केन्द्र बनाए गए थे. वहीं असम में 47 सीटों पर हुए मतदान के लिए 81 लाख मतदाता पंजीकृत थे और उनके लिए 11,537 मतदान केन्द्र बनाए गए थे कोविड-19 प्रोटोकॉल के तहत दो गज की दूरी का ध्यान रखने के कारण मतदान केन्द्रों की संख्या में इस बार काफी वृद्धि हुई है.

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