जरुरी जानकारी | आयकर विभाग के बारे में लोगों की धारणा बदलने के लिए कर रहे हैं काम: सीबीडीटी प्रमुख

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के प्रमुख पी सी मोदी ने गुरुवार को कहा कि आयकर विभाग लोगों की इस धारणा को बदलने के लिए काम कर रहा है कि विभाग महज कर वसूलने वाली नहीं, बल्कि कर को बढ़ावा देने वाला है।

नयी दिल्ली, चार फरवरी केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के प्रमुख पी सी मोदी ने गुरुवार को कहा कि आयकर विभाग लोगों की इस धारणा को बदलने के लिए काम कर रहा है कि विभाग महज कर वसूलने वाली नहीं, बल्कि कर को बढ़ावा देने वाला है।

उन्होंने कहा कि विभाग करदाताओं को बेहतर सुविधाएं देने के लिए कर अधिकारियों की क्षमता भी बढ़ा रहा है।

सीबीडीटी आयकर मामलों में निर्णय लेने वाली सर्वोच्च संस्था है और उसने पिछले दिनों करदाताओं की सुविधा के लिए कई कदम उठाए हैं, जिसमें संपर्क रहित मूल्यांकन और अपील, मूल्यांकन मामलों को फिर से खोलने की समयसीमा में कमी और विवाद समाधान समिति की स्थापना शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि जिस तरह हम करदाताओं के लिए एक पहुंच कार्यक्रम का संचालन कर रहे हैं, उसी तरह ऑनलाइन के माध्यम से एक बड़े पैमाने पर कवायद भी की जा रही है।

मोदी ने उद्योग संगठन पीएचडीसीसीआई के एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘मैं कहूंगा कि बाहर जो धारणा है कि हम कर वसूलने वाले हैं, मैं इसे कर को बढ़ावा देने वाले के रूप में बदलना चाहूंगा।’’

उन्होंने सूचनाओं के लेनदेन के बारे में कहा कि सीबीडीटी के पास एमसीए, सेबी और सीबीआईसी जैसी कई सरकारी एजेंसियां हैं, जिससे करदाताओं के आंकड़ों को साझा करना आसान हो जाता है।

उन्होंने कहा कि पुराने आकलनों को खोलने की मियाद छह साल से घटा कर तीन साल तक सीमित करने से एक बड़ी उलझन दूर होगी।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2021-22 के बजट में पुराने मामलों को आकालन के लिए देबारा खोलने की समय सीमा छह वर्ष की जगह तीन वर्ष कर दी है लेकिन ऐसे गंभीर मामलों को दस साल तक कभी भी खोला जा सकता है जहां गंभीर धोखाधड़ी दिखेगी या जहां पचास हजार रुपये या उससे अधिक की आय छुपाने का मामला दिखेगा।

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